AI Helped in Hit and Run Case: आजकल AI टेक्नोलॉजी की डिमांड लगभग सभी क्षेत्रों में बढ़ गई है। लेकिन ये नहीं पता था कि इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किसी अपराधी को पकड़ने के लिए किया जाएगा। जी हां, दरअसल हम आपको बता रहें हैं नागपुर की उस हिट एंड रन केस के मामले की जिसमें पुलिस ने AI तकनीक की सहायता से टक्कर मारने वाले ट्रक की पहचान की है। इसके बाद से ही इस मामले की चर्चा हो रही है। यह AI सिस्टम पूरे देश की पुलिस के लिए मददगार साबित हो सकता है। चलिए, पूरा मामला जान लेते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नागपुर में 9 अगस्त को एक ट्रक ने बाइक सवार दंपति को टक्कर मार दी। इस हादसे में पत्नी की मौत हो गई, जबकि पति बुरी तरह से घायल हो गया था। वहीं, इस हादसे का वीडियो तब वायरल हुआ जब घायल पति अपनी पत्नी को बाइक पर बांधकर अपने गांव, मध्य प्रदेश ले जाने की कोशिश कर रहा था। इस वायरल वीडियो ने लोगों को दिल दहला दिया।
इस हादसे के बाद जब पुलिस ने पति से पुछताछ की तो उसने बताया, ट्रक पर लाल निशान थे, लेकिन वह नहीं बता सका कि ट्रक कितना बड़ा था और कौन-सी कंपनी का था।
पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
नागपुर ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति बहुत कम जानकारी दे पाया। इतनी कम जानकारी के साथ पुलिस के लिए आरोपी को पकड़ना मुश्किल था। लेकिन फिर भी, पुलिस ने हार नहीं मानी और AI टेक्नोलॉजी की मदद से जांच शुरू की। जहां हादसा हुआ था उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज इकट्ठा की। ये फुटेज तीन अलग-अलग टोल नाकों से ली गईं। इन फुटेज को दो अलग-अलग AI एल्गोरिदम की मदद से जांचा गया। ये एल्गोरिदम कंप्यूटर विजन तकनीक पर आधारित थे।
पहला एल्गोरिदम सीसीटीव फुटेज में यह जांचने में कामयाब रहा कि किस ट्रक में लाल निशान थे। इसके बात, दूसरा एल्गोरिदम इन ट्रकों की एवरेज स्पीड की जांच करके यह पता लगाने में मदद की कि कौन-सा ट्रक हादसे में शामिल हो सकता है। इसके आधार पर नागपुर ग्रामीण पुलिस ने सिर्फ 36 घंटों के भीतर ग्वालियर-कानपुर हाईवे से ट्रक और उसके ड्राइवर को पकड़ लिया।
महाराष्ट्र पुलिस का MARVEL सिस्टम
बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस ने इस हादसे की जांच के लिए जिस AI तकनीक का इस्तेमाल किया है, वह देश का पहला राज्य स्तरीय पुलिस AI सिस्टम है, जिसका नाम MARVEL (Maharashtra Richard and Vigilance for Enhanced Law Enforcement) है। MARVEL का उद्देश्य पुलिस और सरकार के अन्य विभागों में AI का इस्तेमाल बढ़ाना है। इसके लिए सरकारी डेटा का एनालिसिस किया जाता है, ताकि बाहरी सोर्स पर निर्भरता कम हो।
मात्र 12-15 मिनट में कर दिया काम
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहले डेटा एनालिसिस का कार्य अनुभवी पुलिस ऑफिसर करते थे, जिसमें गलती की गुंजाइश भी होती थी। इस हादसे में हफ्तों या महीनों का टाइम लग सकता था। लेकिन अब AI और फास्ट प्रोसेसर की मदद से हमें इस केस को सॉल्व करने में ज्यादा समय नहीं लगा। इसलिए केवल 12 घंटे की CCTV फुटेज को सिर्फ 12-15 मिनट में जांच लिया गया। अगर AI नहीं होता तो इस काम में ज्यादा समय लगता।