Varanasi Ropeway: वाराणसी जल्द ही भारत का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां शहर में सार्वजनिक परिवहन के लिए रोपवे की सुविधा होगी। इस प्रोजेक्ट का मकसद शहर में बढ़ते ट्रैफिक को कम करना और लोगों के लिए आवाजाही को आसान बनाना है। लगभग ₹807 करोड़ की लागत से बन रहा यह रोपवे, पर्यटकों और स्थानीय लोगों दोनों के लिए एक नई और आधुनिक फैसिलिटी उपलब्ध कराएगा। यह रोपवे इस साल के अंत तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
यह रोपवे वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन को गोदौलिया चौक से जोड़ेगा, जिससे सड़क मार्ग से लगने वाला 45-50 मिनट का सफर महज 15 मिनट में पूरा हो जाएगा। फिलहाल, किराए को अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि यह किफायती होगा। यह रोपवे कुल 3.75 किलोमीटर लंबा होगा और इसमें पांच स्टेशन शामिल होंगे- कैंट, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजा घर, और गोदौलिया। इन सभी स्टेशनों पर यात्रियों के लिए स्वचालित सीढ़ियां, लिफ्ट, व्हीलचेयर रैंप, और पार्किंग जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
लगभग 150 ट्रॉली कारें, जिन्हें गोंडोला कहा जाता है, 45-50 मीटर की ऊंचाई पर चलेंगी। प्रत्येक गोंडोला में 10 यात्री बैठ सकेंगे और ये 1.5 से 2 मिनट के अंतराल पर उपलब्ध होंगे। यह सिस्टम एक दिन में 16 घंटे तक चलेगा, जिससे करीब 96,000 यात्री हर दिन सफर कर सकेंगे।
2023 में PM मोदी ने रखी थी आधारशिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2023 में इस रोपवे की आधारशिला रखी थी। यह प्रोजेक्ट वाराणसी के न सिर्फ ट्रैफिक को कम करेगा, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर साबित होगा। यह वाराणसी जैसे व्यस्त सांस्कृतिक और धार्मिक शहर के लिए एक तेज और सुविधाजनक ऑप्शन होगा, जिससे यहां आने वाले लाखों पर्यटकों को भी फायदा मिलेगा।