किसानों को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के यूनियन बजट 2025 में खुशखबरी मिल सकती है। वित्तमंत्री 1 फरवरी, 2025 को एग्रीकल्चर लोन की लिमिट बढ़ाने का ऐलान कर सकती हैं। वह कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए भी उपायों का ऐलान करेंगी। विकसित देशों के मुकाबले भारत में कृषि उत्पाकता काफी कम है। सूत्रों का कहना है कि वित्तमंत्री यूनियन बजट में इसके लिए बड़े ऐलान कर सकती हैं।
अभी कृषि लोन की सीमा 3 लाख रुपये
अभी कृषि लोन (Agriculture Loan) के लिए 3 लाख रुपये की लिमिट तय है। 1998 से यह लिमिट नहीं बदली है। इस बीच खेती में इस्तेमाल होने वाले बीज, खाद सहित दूसरी चीजों की कीमतें काफी बढ़ गई है। सिंचाई का खर्च में भी इजाफा हुआ है। एग्री इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि खेती की बढ़ती लागत को देखते हुए कृषि कर्ज की सीमा बढ़ाना जरूरी है। माना जा रहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को कृषि कर्ज की सीमा बढ़ाकर 4-5 लाख रुपये कर सकती हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए मिलता है कर्ज
सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को बैंकों के जरिए कर्ज उपलब्ध कराती है। अभी इस कार्ड की लिमिट 3 लाख रुपये है। इस कार्ड से कृषि के लिए किसानों को आसानी से लोन मिलता है। आम तौर पर किसानों को 12 महीने के अंदर लोन का पैसा चुकाना पड़ता है। लेकिन, सूखा, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में किसानों को लोन चुकाने के लिए अतिरिक्त समय मिलता है। कृषि कर्ज का पैसा समय पर चुकाने पर किसानों को इंटरेस्ट में भी रियायत मिलती है।
एग्री इनपुट्स को जीएसटी से छूट की मांग
कृषि से जुड़े संगठनों में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर यूनियन बजट से अपनी उम्मीदों के बारे में बताया था। उन्होंने वित्तमंत्री से कृषि उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली चीजों को जीएसटी से छूट देने की मांग की है। उनका मानना है कि अगर सरकार बीज, खाद और कीटनाशक जैसे उत्पादों को जीएसटी से छूट देती है तो इससे किसानों के लिए खेती की लागत काफी कम हो जाएगी। इससे खेती से उनकी इनकम बढ़ जाएगी।
किसान सम्मान निधि का पैसा बढ़ाने की गुजारिश
किसान संगठनों में वित्तमंत्री से पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा बढ़ाने की भी गुजारिश की है। अभी इस स्कीम के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता सरकार देती है। यह पैसा सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होता है। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार को यह अमाउंट बढ़ाकर सालाना 12,000 रुपये करना चाहिए। उनकी दलील है कि सरकार ने जब से यह स्कीम शुरू की है, तब से यह पैसा नहीं बढ़ाया गया है।