अगला यूनियन बजट स्पेशल होगा। इसमें 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के उपाय शामिल होंगे। सरकार पांच खास सेक्टर को ध्यान में रख एक्शन प्लान बनाना चाहती है। इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, टेलीकॉम, साइंस एंड टेक्नोलॉजी और फार्मास्युटिकल्स शामिल हैं। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है। सरकार 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करती है।
शुरू हो चुकी है यूनियन बजट 2026 बनाने की प्रक्रिया
Union Budget 2026 बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नीति आयोग और फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारी अलग-अलग मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। 16 अक्टूबर को NITI Aayog के सदस्य राजीव गौबा और वित्त मंत्रालय के टॉप अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें पांच साल के इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान पर चर्चा हुई। 17 अक्टूबर की बैठक में पेट्रोलियम, नेचुरल गैस और टेलीकॉम पर चर्चा हुई। 23 अक्टूबर हो होने वाली बैठक में साइंस एंड टेक्नोलॉजी और 24 अक्टूबर को होने वाली बैठक में फार्मास्युटिकल्स पर चर्चा होगी।
हर मंत्रालय को पांच साल का एक्शन प्लान बनाने को कहा गया
सरकार के एक सूत्र ने मनीकंट्रोल को बताया, "इन बैठकों में यूनियन बजट 2026 के हिसाब से हर मंत्रालय के लंबी अवधि के प्रोजेक्ट्स पर चर्चा हो रही है। इसका मकसद पॉलिसी के मामले में निरंतरता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करना है।" सरकार ने विकसित भारत 20247 विजन को ध्यान में रख फाइव-ईयर सेक्टरोल प्लान बनाया है। इस साल की शुरुआत में राजीव गौबा की नेतृत्व में नीति आयोग की एक समिति बनाई गई थी। हर मंत्रालय को पांच साल का एक्शन प्लान बनाने को कहा गया। इसमें 2025-30 पीरियड के लिए प्लान के लक्ष्य, रिफॉर्म्स और प्रोजेक्ट की प्रायरिटी भी तय करने को कहा गया।
बजट 2026 में शामिल होंगे लंबी अवधि के विकास के लिए फंडिंग के उपाय
पांच साल के एक्शन प्लान को इंटिग्रेट करने से एक फ्रेमवर्क के तहत हर सेक्टर के लिए फंड के ऐलोकेशन, पॉलिसी एग्जिक्यूशन और प्रोजेक्ट प्रायरिटीज में आसानी होगी। विकसित भारत विजन के तहत सरकार ने इंडिया को 2047 तक विकसित देश बनाने का लक्ष्य तय किया है। 2047 में देश अपनी आजादी का 100वीं सालगिरह मनाएगा। सरकार यूनियन बजट 2026 को लंबी अवधि के विकास के लिए एक फाइनेंसिंग टूल बनाना चाहती है। सूत्र ने बताया कि सरकार का मानना है कि विकसित भारत फ्रेमवर्क के तहत हर सेक्टर की प्रायरिटी तय कर उसकी फंडिंग और इंप्लिमेंटेशन के उपाय होने चाहिए।