Daily Voice: लैडरअप वेल्थ मैनेजमेंट के राघवेंद्र नाथ ने मनीकंट्रोल के साथ हुआ बातचीत में कहा है कि हालांकि केंद्रीय बजट पूरी अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा,लेकिन इसमें ऐसे किसी बड़े नीतिगत ऐलान की संभावना नहीं दिखती है जो इक्विटी बाजार के संटीमेंट को बड़े स्तर पर प्रभावित करेगी। उन्हें उम्मीद है कि बजट में किसी बड़ी कर कटौती या बड़े प्रोत्साहन उपायों के बजाय आवास,बिजली और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने के साथ बुनियादी ढांचे में निवेश जारी रखने पर फोकस रहेगा।
उन्हें उम्मीद है कि कई अनुकूल कारणों के चलते,वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के नतीजे वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के नतीजों की तुलना में बेहतर रह सकते हैं। 30 से अधिक सालों का अनुभव रखने वाले राघवेंद्र ने कहा कि त्योहारों का मौसम,सरकारी खर्च में बढ़त,उपभोक्ता मांग में सुधार और शादियों का मौसम सभी इस तिमाही के लिए सकारात्मक साबित हो सकते हैं। हालांकि,उनका यह भी कहना है कि यह आकलन करना अहम होगा कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के नतीजे, वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के नतीजों की तुलना में कैसे रहते हैं।
क्या आप मानते हैं कि 2025 में बांड बाजार इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन करेगा?
इसके जवाब में राघवेंद्र ने कहा कि बाजार के भविष्य को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। ब्याज दरों और इक्विटी बाजार की दिशा का पूर्वानुमान लगाना जोखिम से भरा काम है। जिस तरह की स्थिति में हम अभी हैं उससे रेट साइकिल में उलटफेर अच्छी संभावना बनती है। महंगाई कई तिमाहियों से नियंत्रण में है। ग्रोथ की उम्मीदें सामान्य हैं। सरकार ग्रोथ को और बढ़ावा देना चाहेगी और इसके लिए क्रेडिट कॉस्ट एक अच्छा जरिया हो सकती है। दरों में किसी भी कटौती से लंबी अवधि के बॉन्ड को तुरंत फायदा होगा।
दूसरी ओर हमने साल का अंत कई सालों के बुल मार्केट के साथ किया है। बाजार अभी भी बहुत ज़्यादा लचीलापन दिखा रहे हैं और निवेशकों की भागीदारी लगातार हाई बनी हुई है। लेकिन पिछले तीन सालों के दौरान,हमने वैल्यूएशन में लगातार बढ़त देखी है। ऐसे में हमें 2025 स्टॉक-स्पेसिफिक मूवमेंट देखने को मिलेगा। इस साल हमें पिछले दो सालों जैसे बड़े रिटर्न की उम्मीद न करके मध्यम रिटर्न की ही उम्मीद करनी चाहिए। इसलिए इस बात की बड़ी संभावना है कि 2025 में बांड बाजार इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन करता दिखे।
क्या आपको बजट 2025 में किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद है जो इक्विटी बाजार के सेंटीमेंट को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकती है?
इसका जवाब देते हुए राघवेंद्र ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक स्थिरता को देखते हुए बजट 2025 में काफी हद तक फिस्कल कंसोलीडेशन पर फोकस बना रहेगा। इस पर सरकार ने हाल के वर्षों में भी जोर बनाए रखा है। यह बजट सरकार के लिए अपने राजकोषीय घाटे (फिस्कल डेफिसिट) के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाने का एक बड़ा अवसर पेश कर रहा है।
राघवेंद्र को उम्मीद है कि बजट में किसी बड़ी कर कटौती या बड़े प्रोत्साहन उपायों के बजाय आवास,बिजली और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने के साथ बुनियादी ढांचे में निवेश जारी रखने पर फोकस रहेगा। ऐतिहासिक रूप से देखें बाजारों में अक्सर बजट को लेकर बहुत अधिक उम्मीदें पाल ली जाती हैं, जिसके कारण अक्सर बाद में नकारात्मक प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं। राघवेंद्र का मानना है कि बजट पूरी अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा। इसमें किसी ऐसी बड़ी नीति के ऐलान की संभावना नहीं दिखती जो इक्विटी बाजार के सेंटीमेंट पर कोई बड़ा असर डाल सके।
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