Credit Cards

भारत की GDP में धमाकेदार उछाल, जून तिमाही में 7.8% रही ग्रोथ, पांच तिमाहियों में सबसे तेज

India GDP Growth: भारत की अर्थव्यवस्था ने जून तिमाही में शानदार प्रदर्शन करते हुए 7.8 प्रतिशत की तेजी से ग्रोथ दर्ज की। यह पिछले पांच तिमाहियों की सबसे तेज GDP ग्रोथ है। यह रफ्तार न केवल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 6.5 प्रतिशत के अनुमान को पार कर गई बल्कि शेयर बाजार की उम्मीदों से भी कहीं बेहतर रही।

अपडेटेड Aug 29, 2025 पर 9:43 PM
Story continues below Advertisement
India GDP Growth: जून तिमाही में सर्विसेज सेक्टर सबसे बड़ा गेमचेंजर साबित हुआ, जिसमें 9.3 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई

India GDP Growth: भारत की अर्थव्यवस्था ने जून तिमाही में शानदार प्रदर्शन करते हुए 7.8 प्रतिशत की तेजी से ग्रोथ दर्ज की। यह पिछले पांच तिमाहियों की सबसे तेज GDP ग्रोथ है। यह रफ्तार न केवल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 6.5 प्रतिशत के अनुमान को पार कर गई बल्कि शेयर बाजार की उम्मीदों से भी कहीं बेहतर रही। इससे पहले मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ का आंकड़ा 7.4 प्रतिशत और एक साल पहले इसी तिमाही में 6.5 प्रतिशत रहा था।

ICRA की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि यह ग्रोथ दर उम्मीद से अधिक है और यह दिखाता है कि टैरिफ को लेकर ग्लोबल स्तर पर जारी उथल-पुथल का भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत सीमित असर पड़ा है। उनके मुताबिक सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि एग्रीकल्चर और माइनिंग सेक्टर उम्मीद से कमजोर रहे।

जून तिमाही में सर्विसेज सेक्टर सबसे बड़ा गेमचेंजर साबित हुआ, जिसमें 9.3 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई। यह पिछले दो साल की सबसे तेज रफ्तार है। गवर्नमेंट सर्विसेज की ग्रोथ दर 9.8 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो पिछली 12 तिमाहियों का उच्च स्तर है। वहीं फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर 8.6 प्रतिशत और ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्टेशन और कम्युनिकेशन सेवाओं ने 9.5 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की। इसके साथ ही अब सर्विसेज सेक्टर का योगदान भारत के GDP में 53% तक पहुंच गया है।


मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने भी मजबूत प्रदर्शन किया और 7.7 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की, जबकि कंस्ट्रक्शन सेक्टर की रफ्तार घटकर 7.6 प्रतिशत पर आ गई। माइनिंग सेक्टर सबसे कमजोर रहा और इसमें 3.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जो 11 तिमाहियों में सबसे बड़ी गिरावट है। वहीं, बिजली उत्पादन महज 0.5 प्रतिशत बढ़ा, जो 19 तिमाहियों का निचला स्तर है।

प्राइवेट कंजम्प्शन में भी सुधार देखा गया और यह तीन तिमाहियों के उच्च स्तर 7 प्रतिशत पर पहुंच गई। रूरल इकोनॉमी की मजबूती ने इस ग्रोथ को सहारा दिया। सरकारी कंजम्प्शन 7.5 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इनवेस्टमेंट-टू-GDP रेशियो 34.6 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो तीन साल का उच्च स्तर है। प्राइवेट कंजम्प्शन का योगदान अब GDP में 56.7 प्रतिशत है, जो इकोनॉमी की ग्रोथ को बनाए रखने में इसकी मजबूत भूमिका को दिखाता है।

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बेहतर प्रदर्शन यह साबित करता है कि भारत की अर्थव्यवस्था ग्लोबल दबावों और टैरिफ से जुड़ी चुनौतियों के बीच भी लचीली बनी हुई है। बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से अगर 0.2 से 0.4 प्रतिशत तक का असर पड़ता है, तो भी यह प्रदर्शन इस साल 6.5 प्रतिशत ग्रोथ की संभावना को मजबूत करता है।

जून तिमाही के आंकड़े यह दिखाते हैं कि भारत न केवल ग्लोबल दबावों का मजबूती से सामना कर रहा है, बल्कि उनसे आगे निकलते हुए विकास की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। हाल ही में S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने लगभग दो दशक बाद भारत की रेटिंग को अपग्रेड किया और अगले तीन सालों के लिए 6.8% तक की ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है।

यह भी पढ़ें- Reliance AGM 2025: जियो के IPO से लेकर नई AI कंपनी तक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के AGM में हुए ये 10 बड़े ऐलान

डिस्क्लेमरः Moneycontrol पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।