जीएसटी कलेक्शंस सितंबर में 1.89 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले साल सितंबर के मुकाबले 9.1 फीसदी ज्यादा है। सरकार ने सितंबर कलेक्शंस का जीएसटी की डेटा 1 अक्टूबर को रिलीज किया। यह बीते चार महीनों में जीएसटी कलेक्शंस में सबसे ज्यादा उछाल है। अगस्त में जीएसटी कलेक्शंस 6.5 फीसदी बढ़ा था। सितंबर लगातार 9वां महीना है, जब जीएसटी कलेक्शंस 1.8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है।
दूसरी तिमाही में जीएसटी कलेक्शंस 5.71 लाख करोड़
इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कुल GST Collections 5.71 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पहली तिमाही के मुकाबले 7.7 फीसदी ज्यादा है। पहली तिमाही में जीएसटी कलेक्शंस की ग्रोथ 11.7 फीसदी थी। सितंबर में जीएसटी कलेक्शंस में यह ग्रोथ इस तथ्य के बावजूद देखने को मिली है कि कंज्यूमर्स ने नॉन-ड्यूरेबल्स पर कम खर्च किए। इसकी वजह जीएसटी में कमी का ऐलान था। जीएसटी में कमी के एलान के बाद लोगों ने खरीदारी रोक दी। लोग 22 सितंबर से जीएसटी के नए रेट्स लागू होने के बाद खरीदारी करना चाहते थे।
जीएसटी के नए रेट्स 22 सितंबर से लागू
22 सितंबर से जीएसटी के दो रेट्स लागू हो गए हैं। पहले जीएसटी के 4 रेट्स थे। जीएसटी के दो रेट्स लागू होने से 300 से ज्यादा चीजों पर टैक्स में कमी आई है। अब 90 फीसदी से ज्यादा चीजें कम टैक्स वाले ब्रैकेट में आ गई हैं। अनुमान है कि जीएसटी के रेट्स घटने से खरीदारी में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी। इससे इकोनॉमी की ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा। RBI ने 1 अक्टूबर को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में इस फाइनेंशियल ईयर में जीडीपी ग्रोथ के अपने अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया।
जीएसटी रेट्स घटने से ग्रोथ को मिलेगा सपोर्ट
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि FY26 में इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ 6.5 फीसदी रहेगी। उसने कहा था कि घरेलू डिमांड बढ़ने से अमेरिकी टैरिफ का इकोनॉमी पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। अमेरिका ने इंडिया पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। इंडिया दुनिया में दूसरा देश है जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। उसने इंडिया के अलावा सिर्फ ब्राजील पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है।
अप्रैल में रिकॉर्ड 2.42 लाख करोड़ था जीएसटी कलेक्शंस
सितंबर में जीएसटी कलेक्शंस अच्छा रहा। लेकिन, यह इस साल अप्रैल के रिकॉर्ड 2.4 लाख करोड़ रुयये के कलेक्शंस के मुकाबले कम है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले महीनों में जीएसटी कलेक्शंस में नरमी देखने को मिल सकती है। जीएसटी रेट्स घटने का असर कलेक्शंस पर पड़ सकता है। हालांकि बाद में यह धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा।