सितंबर महीने में थोक महंगाई घटकर 0.13 प्रतिशत रह गई। खाने-पीने की चीजों, ईंधन और मैन्युफैक्चर्ड आइटम्स की कीमतों में नरमी के चलते ऐसा हुआ। 14 अक्टूबर को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) बेस्ड महंगाई अगस्त में 0.52 प्रतिशत और सितंबर में 1.91 प्रतिशत थी। खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई सितंबर 2025 में -5.22 प्रतिशत हो गई, जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 3.06 प्रतिशत था। सब्जियों की कीमतों में भी गिरावट देखी गई।
सब्जियों की थोक महंगाई सितंबर महीने में -24.41 प्रतिशत रही, जबकि अगस्त में यह 14.18 प्रतिशत थी। मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स के मामले में थोक महंगाई अगस्त के 2.55 प्रतिशत से घटकर सितंबर 2025 में 2.33 प्रतिशत रह गई। ईंधन और बिजली की महंगाई सितंबर में -2.58 प्रतिशत रही, जबकि अगस्त में यह 3.17 प्रतिशत रही थी।
लंबे समय तक कम बने रहने की उम्मीद
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी बार्कलेज इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री आस्था गुडवानी का कहना है कि वैश्विक स्तर पर सामानों की कीमतों में सामान्य रूप से कमी के कारण थोक महंगाई के लंबे समय तक कम बने रहने की उम्मीद है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर पारस जसराय का कहना है कि सितंबर, 2025 में कोर महंगाई बढ़कर 31 महीने के उच्च स्तर 1.9 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसकी वजह सालाना आधार पर ज्वैलरी की कीमतों में 34.1 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि रही।
खुदरा महंगाई 8 साल के लो पर
सितंबर 2025 महीने में देश में खुदरा महंगाई घटकर 8 साल के निचले स्तर 1.5 प्रतिशत पर आ गई। इसके आंकड़े सोमवार को जारी हुए थे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पॉलिसी रेट्स पर फैसला लेने के लिए खुदरा महंगाई पर नजर रखता है। केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर जस का तस रखा था।