PMI data for April : 23 अप्रैल को जारी एक प्राइवेट सर्वे के मुताबिक भारत के प्राइवेट सेक्टर की गतिविधि अप्रैल में बढ़कर आठ महीने के हाई 60 पर पहुंच गई है जो पिछले महीने 59.5 थी। ये नए वित्त वर्ष की मजबूत शुरुआत का संकेत है। एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कम्पोजिट पीएमआई जनवरी और फरवरी में 60 से नीचे आने के बाद लगातार दूसरे महीने 59 अंक से ऊपर रहा है। बता दें कि कम्पोजिट पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) कम्पेयरेबल मैन्युफैक्चरिंग एंड सर्विसेज इंडेक्स का वेटेड एवरेज होता है।
बता दें कि 50 से अधिक का आंकड़ा मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में विस्तार का संकेत होता है। वहीं, 50 से नीचे का आंकड़ा मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में गिरावट आने का संकेत होता है।
एचएसबीसी की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा,"नए निर्यात ऑर्डरों में तेजी से बढ़त हुई है। संभवतः टैरिफ लागू करने में 90-दिनों के विराम के चलते मन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी आई है। इस दौरान उत्पादन और रोजगार दोनों में बढ़त हुई है।" प्रांजुल भंडारी ट्रंप प्रशासन के उस निर्णय का उल्लेख कर रही थीं जिसमें अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों के विरुद्ध लगाए गए रिसिप्रोकल टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोक दिया गया था।
बढ़ते ट्रेड वार और ग्लोबल अनिश्चितता आर्थिक गतिविधियों पर भारी पड़ रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 22 अप्रैल को कहा है कि 2025 में ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ 2024 की तुलना में लगभग एक प्रतिशत कम रह सकती है।
वैश्विक आर्थिक वृद्धि को 2024 की तुलना में लगभग एक प्रतिशत कम बताया, जिसमें अमेरिका के जनवरी अनुमान से एक प्रतिशत अंक और चीन के 1.3 प्रतिशत अंक कम होने का अनुमान है। जनवरी में आए अनुमान से अप्रैल का अमेरिकी ग्रोथ अनुमान करीब 1 फीसदी और चीन का ग्रोथ अनुमान तरीब 1.3 फीसदी कम है। घरेलू मांग से सपोर्ट मिलने से भारत को सुरक्षा मिलने की संभावना है।
आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत को ग्रोथ अनुमान को 6.5 फीसदी से घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया है। साथ ही वित्त वर्ष 2027 में 6.3 फीसदी की धीमी ग्रोथ का अनुमान लगाया है।
सरकार को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में इकोनॉमी की विकास दर 6.5 फीसदी रहेगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन कमजोर रहने की संभावना है। ये पिछले वित्त वर्ष के 12.3 फीसदी से घटकर 4.3 फीसदी पर आ सकता है।