रेटिंग एजेंसी मूडीज ने इंडियन इकोनॉमी के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई है। उसने कहा है कि इकोनॉमी की सालाना औसत ग्रोथ 2027 तक 6.5 फीसदी रह सकती है। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़े निवेश और परिवारों का कंजम्प्शन बढ़ने का बड़ा हाथ होगा। मूडीज ने अपने नए ग्लोबल मैक्रो आउटलुक में यह अनुमान जताया है।
2025 में ग्रोथ के अनुमान में कोई बदलाव नहीं
Moody's Ratings ने 2025 में इंडिया की GDP Growth के अनुमान को 7 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है। उसका मानना है कि 2026 में ग्रोथ 6.4 फीसदी और 2027 में 6.5 फीसदी रहेगी। उसने कहा है कि घरेलू डिमांड स्टेबल रहने की उम्मीद है और एक्सपोर्ट डायवर्सिफिकेशन पर फोकस बढ़ा है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "हमें इंडिया और ब्राजील के जी20 में सबसे ज्यादा ग्रोथ वाली इकोनॉमीज बने रहने की उम्मीद है। ब्राजील की ग्रोथ 2 फीसदी और भारत की 6.5 फीसदी रह सकती है।"
इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश से ग्रोथ को मिलेगा सपोर्ट
रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर अच्छा निवेश हो रहा है। कंजम्प्शन भी स्टेबल है। लेकिन, प्राइवेट सेक्टर में पूंजीगत खर्च सुस्त बना हुआ है। इकोनॉमी की अच्छी सेहत के बावजूद कंपनियां बिजनेस के विस्तार के मामले में सावधानी बरत रही हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेड को लेकर नई बाधाओं के बीच इंडिया के एक्सपोर्ट में डायवर्सिफिकेशन दिखा है। अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ के बावजूद सितंबर में इंडिया से कुल शिपमेंट में 6.75 फीसदी ग्रोथ दिखी है।
2025 में इनफ्लेशन 2.8 फीसदी रह सकता है
मूडीज ने 2025 में इनफ्लेशन 2.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। उसका मानना है कि 2026 में इनफ्लेशन 3.5 फीसदी और 2027 में 4 फीसदी रह सकता है। अक्तूबर में इंडिया में रिटेल इनफ्लेशन घटकर 0.25 फीसदी पर आ गया है। इसमें जीएसटी रेट्स में कमी का बड़ा हाथ है। इस साल 22 सितंबर से जीएसटी के नए रेट्स लागू हो गए थे।
यूएस टैरिफ, जियोपॉलिटकल टेंशन का ग्रोथ पर पड़ सकता है असर
मूडीज ने जी20 की ग्रोथ 2026-27 में 2.5-2.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। उसने कहा है कि ग्लोबल ट्रेड में बदलते ट्रेंड और जियोपॉलिटिकल टेंशन का असर ग्रोथ की रफ्तार पर पड़ सकता है। उसने कहा है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन, ट्रेड में बाधा और राजनीतिक अस्थिरता के चलते अनिश्चितता बढ़ रही है।