Trade Deficit: वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 16 जून को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का व्यापार घाटा मई 2025 में घटकर $21.88 बिलियन हो गया। यह अप्रैल के पांच महीने के उच्चतम स्तर $26.42 बिलियन से काफी कम है और पिछले साल मई 2024 के $22.09 बिलियन से भी कम है, जो व्यापार अंतर में एक महत्वपूर्ण कमी को दर्शाता है। आंकड़ों के अनुसार, मई में माल निर्यात सालाना आधार पर 2.2 प्रतिशत घटकर $38.73 बिलियन रहा, जबकि आयात में 1.76 प्रतिशत की गिरावट के साथ यह $60.61 बिलियन पर आ गया।
व्यापार घाटे में यह सुधार ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के 'लिबरेशन डे' टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार व्यवस्था अभी भी दबाव में है। भारत फिलहाल अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ एक व्यापार समझौता करने के लिए बातचीत में है।
इन क्षेत्रों ने किया बेहतर प्रदर्शन
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात, अकार्बनिक और कार्बनिक रसायन, फार्मा और तैयार कपड़े जैसे क्षेत्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत उन छह प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की अपनी नीति जारी रखेगा जो वैश्विक आयात का 75 प्रतिशत हिस्सा हैं।बर्थवाल ने कहा, 'रणनीति के संदर्भ में, हम कुछ देशों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो वैश्विक आयात के 65% से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं और नए बाजारों की भी खोज कर रहे हैं।'
भारत का प्रदर्शन वैश्विक औसत से बेहतर
सुनील बर्थवाल ने इस बात पर जोर दिया कि जब कोई वैश्विक तस्वीर और डब्ल्यूटीओ (WTO) के पूर्वानुमान को देखता है तो भारत 'वैश्विक औसत से काफी बेहतर' प्रदर्शन कर रहा है। यहां सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि मई में भारत के गैर-पेट्रोलियम माल निर्यात में पॉजिटिव वृद्धि देखी गई है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, केमिकल और कपड़े शामिल है।