September IIP Data: मैन्युफैक्चरिंग का धमाल, सितंबर महीने में 4% की रफ्तार से बढ़ा देश के कारखानों में काम

September IIP Data: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की मजबूत ग्रोथ के दम पर सितंबर महीने में देश का इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) सालाना आधार पर 4% की रफ्तार से बढ़ा। माइनिंग और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में एक्टिविटीज की नरमी भी इसे थाम नहीं पाई। आज इसके आंकड़े सामने आए हैं। चेक करें ओवरऑल आंकड़े और सितंबर महीने में सेक्टरवाइज रुझान कैसा रहा?

अपडेटेड Oct 28, 2025 पर 5:34 PM
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सितंबर महीने में सालाना आधार पर यह 4% की रफ्तार से बढ़ा जोकि अगस्त महीने के क्विक एस्टीमेट के मुताबिक ही रहा। इसे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 4.8% की ग्रोथ से सपोर्ट मिला।

September IIP Data: देश के कारखानों में कैसा काम चल रहा है, इसके एक इंडिकेटर इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) ने अपना संकेत दे दिया है। सितंबर महीने में सालाना आधार पर यह 4% की रफ्तार से बढ़ा जोकि अगस्त महीने के क्विक एस्टीमेट के मुताबिक ही रहा। इसे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 4.8% की ग्रोथ से सपोर्ट मिला। हालांकि माइनिंग सेक्टर से आईआईपी को सपोर्ट नहीं मिला और इसकी ग्रोथ सितंबर महीने में निगेटिव रही। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी बेसिक मेटल्स की मैन्युफैक्चरिंग 12.3% और इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट की मैन्युफैक्चरिंग 28.7% की रफ्तार से बढ़ी।

September IIP Data: मुख्य बातें

सितंबर महीने में आईआईपी (इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) ग्रोथ रेट 4.0% रही जोकि अगस्त 2025 के क्विक एस्टीमेट के मुताबिक ही रही।


माइनिंग सेक्टर सितंबर महीने में (-) 0.4% की निगेटिव रफ्तार से बढ़ी तो दूसरी तरफ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 4.8% और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर 3.1% की रफ्तार से बढ़ी।

सितंबर 2025 में आईआईपी का क्विक एस्टीमेट 146.9 से बढ़कर 152.8 पर पहुंच गया। माइनिंग के लिए आईआईपी 111.2, मैन्युफैक्चरिंग के लिए 154.3 और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर्स के लिए 213.3 रही।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ही बात करें तो सालाना आधार पर 23 में से 13 इंडस्ट्री ग्रुप की ग्रोथ पॉजिटिव रही जिसमें सबसे तेज ग्रोथ बेसिक मेटल्स की मैन्युफैक्चरिंग रही। सितंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग ऑफ बेसिक मेटल्स की ग्रोथ 12.3%, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट की मैन्युफैक्चरिंग की 28.7% और मोटर वेईकल्स, ट्रेलर्स और सेमी-ट्रेलर्स की मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ 14.6% रही।

इंडस्ट्री ग्रुप मैन्युफैक्चर ऑफ इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट को इलेक्ट्रिकल हीटर्स, छोटे ट्रांसफॉर्मर्स के साथ-साथ स्विचगियर, सर्किट ब्रेकर्स/स्विचेज, कंट्रोल/मीटर पैनल जैसे स्विचिंग या प्रोटेक्टिंग इलेक्ट्रिकल सर्किट्स से सपोर्ट मिला। वहीं इंडस्ट्री ग्रुप मैन्युफैक्चर ऑफ बेसिक मेटल्स को एमएस स्लैब, एचआर कॉइल्स और  माइल्ड स्टील की शीट्स और एलॉय स्टील के फ्लैट प्रोडक्ट्स से सपोर्ट मिला। इंडस्ट्री ग्रुप मैन्युफैक्चर ऑफ मोटर वेईकल्स, ट्रेलर्स एंड सेमी-ट्रेलर्स को ऑटो पार्ट्स, कॉमर्शियल गाड़ियों और एक्सल से सपोर्ट मिला।

अब इस्तेमाल के हिसाब से बात करें तो सितंबर तिमाही में इंफ्रास्ट्रक्चर गुड्स 10.5% की रफ्तार से बढ़ा जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 10.4% रहा। वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स अगस्त महीने में 3.5% की तुलना में सितंबर महीने में 10.2% की रफ्तार से बढ़ी। हालांकि कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स 2.9% गिर गया। अन्य सेगमेंट में बात करें तो प्राइमरी गुड्स मासिक आधार पर 5.4% की तुलना में सितंबर में 1.4% की ही रफ्तार से बढ़ी जबकि कैपिटल गुड्स 4.5% की तुलना में 4.7% की रफ्तार से बढ़ी।

क्या है IIP?

आईआईपी एक इंडिकेटर है जो किसी खास अवधि में इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन वॉल्यूम को मापता है। इसमें इंडस्ट्री ग्रुप्स को दो कैटेगरी में रखा जाता है। एक तो ब्रॉड सेक्टर्स जैसे कि माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रिसिटी और दूसरा यूज-बेस्ड सेक्टर्स जैसे कि बेसिक गुड्स, कैपिटल गुड्स और इंटरमीडिएट गुड्स। इसका बेस वर्ष फिलहाल 2011-12 है। यह काफी अहम आंकड़ा है क्योंकि वित्त मंत्रालय, आरबीआई जैसी सरकारी एजेंसियां इसे नीति बनाने में इस्तेमाल करती है।

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