US का टैरिफ भारत के लिए चुनौती के साथ अवसर भी है। ये कहना है प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य संजीव सान्याल का। साथ ही उन्होने कहा कि US के साथ व्यापार समझौते पर चर्चा जारी है। हम अपना लाभ देखकर फैसला लेंगे। CNBC-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने संजीव सान्याल के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की है। यहां हम इसी बातचीत का संक्षिप्त अंश दे रहे हैं।
इस बातचीत में संजीव सान्याल ने आगे कहा कि टैरिफ भारत के लिए चुनौती को साथ ही मौका भी है। इसका सिर्फ भारत से सीधे तौर पर लेना देना नहीं है। टैरिफ के लेकर चीन और अमेरिका में भारी तनाव है। चीन का एक्शन अमेरिका के लिए चैलेंज बन रहा था। इसमें भारत के लिए चुनौती के साथ अवसर भी हैं।
क्या US के साथ FTA (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) संभव हो पाएगा? इसके जवाब में संजीव सान्याल ने कहा कि FTA पर चर्चा जारी है। लेनदेन पर बात हो रही है। एग्रो प्रोडक्ट में आयात-निर्यात कम होगा। सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग में ज्यादा एक्सपोर्ट होने की संभावाना है।
ऑटो सेक्टर में ड्यूटी घटाने पर आपकी क्या राय है? इस सवाल के जवाब में संजीव सान्याल ने कहा कि हमें कहीं न कहीं कम्पीट करना होगा। US की ऑटो इंडस्ट्री खास नहीं है। UK और यूरोप के साथ FTA करेंगे। यूरोपियन यूनियन के साथ बात आगे बढ़ाएंगे। हम अपना फायदा देख कर ही फैसला लेंगे। नॉन-टैरिफ बैरियर पर बात होगी। भारत अब तीसरी बड़ी इकोनॉमी है। इसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती।