केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) वर्तमान शैक्षिक सत्र 2025-26 में बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए स्कूलों को सख्त चेतावनी जारी की है। बोर्ड ने परीक्षा के लिए सौंपी जाने वाली छात्रों की सूची को लेकर सख्त निर्देश जारी किया है। बोर्ड का कहना है कि स्कूलों को छात्रों से संबंधित एलओसी को भरते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। इसमें गड़बड़ी होने पर सुधार तो किया जा सकता है, लेकिन उसके लिए स्कूलों को अतिरिक्त फीस देनी होगी। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर इसमें सुधार किया जा सकता है। 13 अक्टूबर से 27 अक्टूबर के बीच वेबसाइट पर सुधार की विंडो खुलेगी।
बोर्ड ने स्कूलों को सावधान किया है कि एलओसी में दर्ज की गई छात्रों की जानकारी उनके स्कूल एडमिशन रिकार्ड से पूरी तरह मेल खानी चाहिए। इसके नाम की स्पेलिंग, जन्मतिथि के अलावा चुने गए विषयों के कोड सही-सही भरे होने चाहिए। ये जानकारी गलत होने का खामियाजा परीक्षा केंद्र पर छात्र को भुगतना पड़ेगा और बोर्ड ऐसा कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है।
सावधानी से चुनें विषय कोड
यहां विषय कोड की पूरी सूची दी जा रही है। इसे सावधानीपूर्वक भरना जरूरी है, वरना बाद में पछताना पड़ेगा। ये रही जरूरी विषयों के कोड
स्कूल वालों को इन कोड्स को ध्यान से चेक करना होगा, ताकि स्टूडेंट्स को सही सब्जेक्ट्स में एग्जाम देने का मौका मिले।
13 से 27 अक्टूबर तक कर सकते हैं सुधार
हालांकि एलओसी में गलती को सुधारा जा सकता है। बोर्ड की सुधार विंडो 13 अक्टूबर से 27 अक्टूबर के बीच खुली रहेगी, जहां स्कूल एलओसी में सुधार कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए अलग से शुल्क देना होगा। सुधार के बाद स्कूल हर स्टूडेंट की सत्यापन स्लिप निकाल सकते हैं और अगर उसमें भी कोई गलती दिखे तो उसे अपडेट करने का विकल्प रहेगा।
9वीं और 11वीं के लिए भी यही नियम
सीबीएसई का ये नियम सिर्फ बोर्ड परीक्षा यानी 10वीं और 12वीं क्लास के लिए ही नहीं है। कक्षा 9 और 11 के फॉर्म भरते समय भी यही नियम लागू होंगे। इनके नाम,जन्मतिथि और सब्जेक्ट डिटेल्स में कोई गलती नहीं होनी चाहिए। स्कूलों को 13 से 27 अक्टूबर तक का समय इनके लिए भी मिलेगा।
एग्जाम फॉर्म हो सकता है रिजेक्ट
छात्रों और स्कूल के लिए टिप्स
एलओसी भरने से पहले छात्र का नाम, जन्मतिथि, और सब्जेक्ट कोड स्कूल रिकॉर्ड से मिलान करें। cbse.gov.in पर नियमित अपडेट देखते रहें। कोई गलती होने पर 13-27 अक्टूबर तक उसे ठीक कर लें। छात्रों और अभिभावकों को भी स्कूल से अपनी डिटेल्स चेक करने को कहें।