शेयर मार्केट में लिस्टेड कोई भी कंपनी डिविडेंड देने का ऐलान करती है तो उसके लिए रिकॉर्ड डेट तय करती है। रिकॉर्ड डेट (Record Date) वह खास तारीख होती है जिसे कोई कंपनी तय करती है ताकि यह पता चल सके कि डिविडेंड या बोनस शेयर या राइट्स इश्यू पाने के लिए कौन-कौन से शेयरधारक हकदार हैं। इस दिन कंपनी अपने शेयरधारकों की अंतिम लिस्ट बनाती है।
रिकॉर्ड डेट का संबंध एक्स-डिविडेंड डेट से
रिकॉर्ड डेट से एक दिन पहले की तारीख को एक्स-डिविडेंड डेट (Ex-Dividend Date) कहते हैं। एक्स-डेट से पहले अगर आप शेयर खरीदते हैं तो आपको डिविडेंड मिलेगा पर एक्स-डेट या उसके बाद खरीदे गए शेयरों पर डिविडेंड का हक नहीं मिलता।
आपको कैसे डिविडेंड मिलेगा?
आपको यह पक्का करना होगा कि आपके पास रिकॉर्ड डेट से कम से कम दो दिन पहले कंपनी के शेयर हों। और वो आपके डीमैट अकाउंट में रहें ताकि ट्रेड सेटलमेंट पूरा हो जाए और आप रिकॉर्ड डेट तक शेयरधारक बनें। भारत में अब T+1 सेटलमेंट प्रणाली है, मतलब शेयर की खरीद के अगले दिन ही आपके डिमैट अकाउंट में शेयर आ जाएगा।
मान लीजिए किसी कंपनी का एक्स डेट 15 जुलाई है, तो आपको 14 जुलाई तक उस कंपनी के शेयर खरीदकर रखना होगा। 14 जुलाई तक जिन लोगों के पास उस कंपनी के शेयर होंगे सिर्फ उन निवेशकों को ही डिविडेंड मिलेगा। इसके बाद खरीदने वाले निवेशकों को डिविडेंड नहीं मिलेगा।