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NCERT देशभर में मौजूद बोर्ड के प्रमाणपत्र को समकक्ष मान्यता देने की कर रहा तैयारी

NCERT ने अब देश में 10वीं और 12वीं की परीक्षा आयोजित करने वाले सभी बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्रों को समानता प्रदान करने का फैसला किया है। शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसकी अधिसूचना ई-गजट में प्रकाशित कर दी है। इस फैसले से छात्रों को आगे की पढ़ाई में सीधे फायदा होगा।

अपडेटेड Sep 27, 2025 पर 3:41 PM
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इस फैसले के बाद छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया के दौरान सीधे फायदा मिलेगा।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) अब देश में कार्यरत विभिन्न शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रमाणपत्रों को समकक्षता प्रदन करेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ये जिम्मेदारी उसे सौंपी है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। इस फैसले के बाद छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया के दौरान सीधे फायदा मिलेगा।

छात्रों को भविष्य में मिलेगा फायदा

अधिकारी ने बताया कि इस नई व्यवस्था से केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के प्रवेश और रोजगार में फायदा मिलेगा। 6 सितंबर को जारी नई अधिसूचना 15 नवंबर, 2021 की पूर्व अधिसूचना की जगह लेगी। इसमें समकक्षता प्रदान करने की जिम्मेदारी भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) को सौंपी गई थी।


आसान होगा स्थानांतरण

एनसीईआरटी द्वारा दी गई समकक्षता पूरे देश में मानी जाएगी। इसका मतलब है कि छात्रों के लिए अलग-अलग स्कूल शिक्षा बोर्डों के बीच आसान स्थानांतरण (migration) संभव होगा और उन्हें पूरे भारत में एक समान मान्यता मिलेगी। शिक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘यह कदम छात्रों के लिए इंटर-बोर्ड पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करेगा। अब NCERT द्वारा दी गई मान्यता अपने आप में सभी स्कूल शिक्षा बोर्डों के बीच समानता स्थापित करेगी।’

एनसीईआरटी के साथ परख संभालेगा जिम्मेदारी

मंत्रालय ने बताया कि अब यह जिम्मेदारी एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्थापित नेशनल असेसमेंट सेंटर – परफॉर्मेंस असेसमेंट, रिव्यू एंड एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (PARAKH) को सौंपी गई है। यह केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया है।

सरकार का कहना है कि इस नई व्यवस्था से समानता निर्धारण एक मजबूत और शैक्षणिक रूप से सटीक प्रक्रिया के जरिए होगा, जिससे शिक्षा के उच्चतम मानक बरकरार रहेंगे।

किस पर लागू होगा नया नियम

  • केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा स्थापित शिक्षा बोर्डों पर।
  • संसद या राज्य विधानमंडल के अधिनियम से गठित बोर्डों पर।
  • कार्यपालिका के आदेश से बने बोर्डों पर।
  • वैधानिक निकायों और मान्यता प्राप्त संस्थाओं पर, जिन्हें यह अधिकार प्राप्त है।

अधिकारी ने बताया कि यह दायित्व केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के प्रवेश और रोजगार के उद्देश्य से निभाया जाएगा।

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