Bihar elections : पहले दिवाली, बाद में छठ पूजा और अब बिहार इलेक्शन के कारण लाखों मजदूर बिहार में ही हैं। ऐसे में अलग अलग राज्यों की इंडस्ट्री में लेबर की कमी हो रही है। अहमदाबाद की टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में अभी मज़दूर कम और मशीन ज़्यादा दिखेगी। ऐसा ही हाल रियल एस्टेट, फ़ॉर्जिंग, इंफ़्रास्ट्रकचर, स्टील और जहां हार्ड वर्क की ज़रूरतें है उन सभी इंडस्ट्रीज का है। यहां ज्यादातर मजदूर बिहार के होते है जो दिवाली, छठ पूजा के बाद बिहार चुनाव के कारण लंबी छुट्टी पर हैं। अहमदाबाद स्थित शोधन टेक्सटाइल के एमडी भरत पटेल का कहना है कि बिहार के मज़दूर की कमी के चलते उनके प्रोडक्शन पर असर हुआ है।
एक अनुमान के हिसाब से बिहार के 75 लाख से 1 करोड़ वर्कर गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में काम कर रहे है।चुनाव के दौरान पोलिटिकल पार्टी मतदाताओं को लुभाने के लिए कई तरह की आर्थिक मदद देते है ये भी एक कारण है उनके वापस काम पर नहीं लौटने का। इधर इंडस्ट्री में उत्पादन में 20-30 फीसदी की कमी आ रही है और ज्यादा पैसे देकर स्थानीय वर्कर से काम लिया जा रहा है। GCCI के EC मेम्बर संदीप शाह का कहना है कि अगर मज़दूर जल्दी आ जाएं, तो वे मज़दूरों को ट्रेन की टिकट और अन्य आर्थिक लाभ देने को भी तैयार हैं।
बता दें कि बिहार में कल 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया। कल बिहार में 18 जिलों की 121 सीटों पर वोट डाले गए। पहले चरण में करीब 64% मतदान हुआ है। पहले चरण में कई दिग्गज नेताओं की किस्मत EVM में बंद हो गई है। इनमें सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, मंगल पांडे और खेसारी लाल यादव जैसे बड़े चेहरे शामिल हैं। बीजेपी में शामिल हुईं मैथिली ठाकुर भी पहले चरण में चुनाव लड़ रही हैं। आज बिहार में CM नीतीश कुमार के अलावा कई दिग्गज नेताओं ने अपना वोट डाला। लालू यादव के अलावा राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने भी मतदान किया।
बिहार में दूसरे चरण के चुनाव के लिए धुंआधार प्रचार चल रहा है। दूसरे चरण के चुनाव के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 20 जिलों में 122 विधानसभा सीटें इसमें शामिल हैं। मतगणना 14 नवंबर होगी। फिर नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।