Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इसी क्रम में, पूर्वी चंपारण में सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) को एक बड़ा झटका लगा है। गोविंदगंज से तीन बार विधायक रहीं मीना द्विवेदी ने अपने समर्थकों के साथ प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाले जन सुराज का दामन थाम लिया है। पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने खुद उन्हें सदस्यता दिलाई और उनका स्वागत किया। मीना के साथ पूर्वी चंपारण के कई जिला व प्रखंड स्तरीय जेडीयू नेता और कार्यकर्ता भी जन सुराज में शामिल हुए हैं।
जेडीयू से क्यों हुईं अलग?
मीना द्विवेदी ने हाल ही में जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को अपना इस्तीफा सौंपा था। अपने त्याग पत्र में, उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया था कि उनके परिवार की लंबे समय से उपेक्षा की जा रही थी। इस नाराजगी को उनकी पार्टी छोड़ने का मुख्य कारण माना जा रहा है।
गोविंदगंज में द्विवेदी परिवार का राजनीतिक इतिहास
मीना द्विवेदी के देवर बाहुबली देवेंद्र नाथ दुबे, चंपारण के एक चर्चित नेता थे और 1995 में समता पार्टी से विधायक चुने गए थे। 1998 में उनकी हत्या के बाद उनके पति भूपेंद्र नाथ दुबे ने उपचुनाव जीतकर विधानसभा में अपनी जगह बनाई। फिर मीना द्विवेदी ने खुद 2005 (फरवरी और नवंबर) और 2010 में जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीता। हालांकि, 2015 और 2020 में गठबंधन की राजनीति के कारण उन्हें टिकट नहीं मिल सका।
2025 में फिर लड़ सकती हैं चुनाव
राजनीतिक गलियारों में इस बात की जोरदार चर्चा है कि मीना द्विवेदी गोविंदगंज विधानसभा सीट से जन सुराज की उम्मीदवार हो सकती हैं। जेडीयू छोड़कर जन सुराज में उनका शामिल होना, आगामी चुनावों में इस सीट पर एक दिलचस्प मुकाबला पैदा कर सकता है।