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Bihar Elections 2025 : तारीखों के ऐलान के साथ बिहार में लागू हुई आचार संहिता, जानिए क्या बदल जाएगा!

Bihar Assembly Elections 2025 : चुनाव तारीखों के ऐलान के तुरंत बाद ही आचार संहिता पूरे बिहार में प्रभावी हो गई है। इसके लागू होते ही राज्य सरकार और सभी राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग के नियम लागू हो गए हैं। अब सरकार कोई नई योजना, परियोजना, उद्घाटन या शिलान्यास की घोषणा नहीं कर सकती

अपडेटेड Oct 06, 2025 पर 6:36 PM
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Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। बिहार में दो फेज में विधानसभा चुनाव होगा।

Bihar Assembly Elections 2025 : बिहार में चुनावी बिगुल बज चुका है। भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार (6 अक्टूबर) को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का एलान कर दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस बार बिहार में दो चरणों में मतदान होगा, पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। वहीं, चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। तारीखों की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

बिहार में आचार संहिता लागू

चुनाव तारीखों के ऐलान के तुरंत बाद ही आचार संहिता पूरे बिहार में प्रभावी हो गई है। इसके लागू होते ही राज्य सरकार और सभी राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग के नियम लागू हो गए हैं। अब सरकार कोई नई योजना, परियोजना, उद्घाटन या शिलान्यास की घोषणा नहीं कर सकती। विकास कार्यों पर रोक लग जाती है, और केवल रूटीन प्रशासनिक कार्य ही किए जा सकते हैं।

सरकारी भवनों, वाहनों और कर्मचारियों का राजनीतिक उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित हो जाता है। सरकारी विज्ञापन, प्रचार या किसी पार्टी की उपलब्धियों का प्रचार नहीं किया जा सकता। अब राज्य के सभी अधिकारी, DM, SP, BDO, SDO आदि, निर्वाचन आयोग के प्रत्यक्ष नियंत्रण में काम करेंगे।

आचार संहिता का उद्देश्य


आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना होता है। यह सुनिश्चित करती है कि सत्ताधारी दल अपने पद या संसाधनों का दुरुपयोग न करे। इस दौरान मतदाता बिना किसी दबाव या डर के वोट दे सकें, यही आयोग की प्राथमिकता रहती है।

क्या नहीं कर सकती सरकार

आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार किसी नई योजना की घोषणा नहीं कर सकती। नए प्रोजेक्ट या उद्घाटन पर रोक लग जाती है। इसके साथ ही बजट आवंटन, पदोन्नति और तबादले पर भी रोक लगा दिए जाते हैं। सरकारी विज्ञापनों और प्रचार सामग्री पर भी रोक लग जाती है। सरकारी भवनों या वाहनों का राजनीतिक इस्तेमाल करने पर रोक लग जाती है। यदि किसी मंत्री या उम्मीदवार ने नियमों का उल्लंघन किया, तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ नोटिस, जुर्माना, FIR या नामांकन रद्द तक की कार्रवाई कर सकता है।

उम्मीदवारों और पार्टियों पर सख्त निगरानी

अब चुनाव आयोग उम्मीदवारों और पार्टियां पर सख्त नजर रखेगा। इसके साथ ही सोशल मीडिया को भी मॉनिटरिंग किया जाएगा, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब या किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किए गए प्रचार की निगरानी की जाएगी। हर उम्मीदवार को अपने डिजिटल प्रचार का खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को देना होगा। यदि कोई पार्टी या व्यक्ति फेक न्यूज या भ्रामक सूचना फैलाता है, तो IT Act और चुनाव कानून के तहत उस पर कार्रवाई की जाएगी।

बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में नवंबर में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है। आचार संहिता लागू होने के साथ ही अब सरकार की शक्तियां सीमित हो गई हैं और राज्य की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था निर्वाचन आयोग के अधीन आ गई है।

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