इस साल के आखिर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच चुनाव आयोग (EC) मतदाता पहचान में नई तकनीक ला रहा है। 30 सितंबर को अंतिम विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद राज्य के वोटरों को नए टेक-इनेबल्ड वोटर ID कार्ड मिलने शुरू हो जाएंगे।
टेक-इनेबल्ड वोटर ID कार्ड क्या हैं?
ये पारंपरिक मतदाता पहचान पत्र (EPIC) का नया और अपग्रेडेड रूप हैं। इसकी खास बातें होंगी:
e-EPIC मतदाता पहचान पत्र का एक सुरक्षित और नॉन-एडिटेबल PDF वर्जन है। इसमें एक QR कोड होता है, जिसमें वोटर का सीरियल नंबर, पार्ट नंबर और दूसरी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज रहती है। मतदाता इसे अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं और डिजिटल रूप में सुरक्षित रख सकते हैं। यह फिजिकल कार्ड के साथ अतिरिक्त सुविधा के रूप में काम करता है, यानी वोटर चाहें तो डिजिटल कार्ड या फिर फिजिकल कार्ड- दोनों में से किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
बिहार में अभी इन्हें क्यों लाया जा रहा है?
बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 1 अगस्त को जारी किए गए ड्राफ्ट रोल्स के अनुसार, राज्य में 7.24 करोड़ वोटर हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि नए वोटर ID से मतदान केंद्रों पर पहचान की प्रक्रिया आसान होगी, फर्जी वोटिंग और प्रतिरूपण (impersonation) पर रोक लगेगी और वोटर लिस्ट को और ज्यादा सटीक बनाया जा सकेगा।
टेक-इनेबल्ड वोटर आईडी कार्ड क्यों?
वोटरों को नया ID कार्ड कैसे मिलेगा?
चुनाव आयोग (ECI) की योजना के अनुसार, नए आवेदक (जिन्होंने फॉर्म-6 भरा है और मोबाइल नंबर रजिस्टर कराया है) सबसे पहले अपना e-EPIC डाउनलोड कर सकेंगे।
पुराने वोटर बाद के चरणों में, अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया पूरी करने के बाद, e-EPIC डाउनलोड कर पाएंगे।
फिजिकल कार्ड भी घर तक पहुंचाए जाएंगे। चुनाव आयोग ने अब वादा किया है कि आवेदन के 15 दिन के भीतर कार्ड डिलीवर किया जाएगा। साथ ही, मतदाता SMS अपडेट्स और NVSP पोर्टल के जरिए रियल-टाइम ट्रैकिंग कर पाएंगे।