Bihar Election Result: बीजेपी से सस्पेंड हुए आरके सिंह ने छोड़ी पार्टी, पूछा ये सवाल

Bihar Election Result: अपने इस्तीफे में सिंह ने दावा किया कि उनके खिलाफ कार्रवाई शायद उन बयानों के कारण हुई, जिनमें उन्होंने पार्टी द्वारा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने पर सवाल उठाया था। आरा से पूर्व सांसद ने कहा कि अक्टूबर में फेसबुक पर लिखी उनकी टिप्पणियों का उद्देश्य राजनीति में अपराध और भ्रष्टाचार को कमजोर करना था, न कि पार्टी को नुकसान पहुंचाना

अपडेटेड Nov 15, 2025 पर 11:04 PM
Story continues below Advertisement
पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

Bihar Election Result:  पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। यह कदम उन्होंने उस समय उठाया जब कुछ घंटों पहले ही पार्टी ने उन्हें निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। आरके सिंह के अनुसार, नोटिस में उन पर लगाए गए आरोपों का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं था, जिसके चलते वे उसका जवाब देने में असमर्थ थे। आर.के. सिंह ने बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को भेज दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैंने पार्टी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। प्रदेश कार्यालय और राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे गए पत्र संलग्न हैं।”

बीजेपी से सस्पेंड हुए आरके सिंह ने छोड़ी पार्टी

अपने इस्तीफे में सिंह ने दावा किया कि उनके खिलाफ कार्रवाई शायद उन बयानों के कारण हुई, जिनमें उन्होंने पार्टी द्वारा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने पर सवाल उठाया था। आरा से पूर्व सांसद ने कहा कि अक्टूबर में फेसबुक पर लिखी उनकी टिप्पणियों का उद्देश्य राजनीति में अपराध और भ्रष्टाचार को कमजोर करना था, न कि पार्टी को नुकसान पहुंचानाउन्होंने लिखा, “कारण बताओ नोटिस संभवतः आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को टिकट देने के खिलाफ मेरे बयान से जुड़ा है। ऐसे बयान पार्टी विरोधी नहीं बल्कि राष्ट्र और संगठन के हित में हैं। लेकिन लगता है कि संगठन में कुछ लोग इससे असहज थे।”

आरके सिंह के इस्तीफे से पहले भाजपा की बिहार इकाई ने उन्हें निलंबित किया था। यह फैसला 2025 के विधानसभा चुनावों में एनडीए की बड़ी जीत के एक दिन बाद लिया गया, जिसमें भाजपा 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। निलंबन आदेश में सिंह और एमएलसी अशोक अग्रवाल पर पार्टी की लाइन के विपरीत बयान देने और “पार्टी विरोधी गतिविधियों” में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। राज्य नेतृत्व ने कहा कि संगठनात्मक अनुशासन बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक था। दोनों नेताओं से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया था। जानकारी के अनुसार, चुनाव के दौरान आरके सिंह को लेकर कई शिकायतें दर्ज हुई थीं। आरोप यह भी था कि उन्होंने कुछ भाजपा नेताओं की खुलकर आलोचना की और अंदरूनी मतभेदों को बढ़ावा दिया, जिसके चलते पार्टी ने यह अनुशासनात्मक कार्रवाई की।


हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।