बंगाल में भी भाजपा कार्यकर्ता मना रहे बिहार में जीत का जश्न , क्या बिहार के नतीजों का असर बंगाल चुनावों पर पड़ेगा?

बिहार चुनावों के नतीजों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया है। इससे बंगाल में पार्टी के कार्यकर्ता उत्साहित हैं। उनका मानना है कि अगले साल बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों में टीएमसी का सफाया हो जाएगा

अपडेटेड Nov 14, 2025 पर 8:11 PM
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कोलकाता के साल्ट लेक मुख्यालय में 14 नवंबर को बीजेपी समर्थकों ने 'अगली बार बंगाल' के नारे लगाए।

बिहार में एनडीए की जबर्दस्त जीत हुई है। इसका जश्न न सिर्फ पटना और दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में दिख रहा है बल्कि बंगाल बीजेपी मुख्यालय में दिख रहा है। कोलकाता में साल्ट लेक स्थित बीजेपी के मुख्यालय में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मिठाइया बांटी हैं। नंदीग्राम और कूच बिहार सहित राज्य की कई दूसरी जगहों से भी ऐसे खबरें आई हैं। खास बात यह है कि साल्ट लेक मुख्यालय में समर्थकों ने 'अगली बार बंगाल' के नारे लगाए।

बंगाल में अगले साल होने वाले हैं विधानसभा चुनाव

प्रबल रॉय नाम के एक बीजेपी कार्यकर्ता ने कहा, "हम बहुत खुश हैं। हम मिठाइयां लेकर आए हैं। हम अब तैयार हैं। अगली लड़ाई बंगाल में है। हमारा मानना है कि इस बार तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का विसर्जन तय है।" दरअसल, पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव अगले साल होने वाले हैं। बिहार विधानसभा में मिली जीत से बीजेपी का हौसला बुलंद है। इस जीत ने बीजेपी कार्यकर्ताओं का भी आत्मविश्वास बढ़ाया है।


बंगाल में लोग राज्य छोड़ने को मजबूर

बंगाल बीजेपी के राज्य अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने कहा, "बिहार में कोई जंगलराज नहीं है। चुनाव आयोग ने स्पेशल इनटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दौरान कोई हिंसा नहीं हुई। यह एनडीए सरकार के गवर्नेंस का नतीजा है। पहले लोग बिहार से बंगाल जाते थे। अब इसके उलट हो रहा है। बंगाल के लोग राज्य छोड़ रहे हैं। हम आज बहुत खुश हैं।"

महाराष्ट्र और बिहार के बाद बंगाल की बारी

उन्होंने कहा, "अगली लड़ाई बंगाल में है। हमें भरोसा है कि अगली बार टीएमसी का विसर्जन पक्का है। लोग पहले ही टीएमसी के खिलाफ सड़क पर उतर चुके हैं। हमनें दीदी के भाई अरविंद केजरीवाल को हराया है। फिर हरियाणा, उसके बाद महाराष्ट्र और अब बिहार। अगली बारी बंगाल की है।" उन्होंने कहा कि SIR बीजेपी का हथियार नहीं है। इसका फोकस बंगाल में वोटर्स लिस्ट से अवैध मतदाताओं के नामों को हटाना है।

बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं का बढ़ा आत्मविश्वास

भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में जीत हमारा आत्मविश्वास बढ़ाएगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि 14 नवंबर से ही बीजेपी का फोकस अब बंगाल पर शिफ्ट हो जाएगा। सीनियर लीडर भूपेंद्र यादवा के कोलकाता पहुंचने की उम्मीद है। वह कई मीटिंग्स कर सकते हैं। इसकी वजह यह है कि पार्टी टीएमसी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाना चाहती है। इसके लिए प्लान तैयार हो चुका है। बंगाल में चुनाव को लेकर जमीनी स्तर पर तैयारी जल्द शुरू होगी।

बंगाल और बिहार के चुनावों में फर्क

उधर, टीएमसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बिहार के चुनावी नतीजों का असर बंगाल के चुनावों पर नहीं पड़ेगा। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, "कुछ बीजेपी नेता जश्न मना रहे हैं, उन्हें लगता है कि बिहार के नतीजों का असर बंगाल पर पड़ेगा। मैं स्पष्ट करता हूं कि बिहार और बंगाल के चुनाव पूरी तरह से अलग हैं। चुनाव से जुड़े मसले अलग हैं। उनके उत्साह का कोई आधार नहीं है।"

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