Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल तेजी से गर्म हो रहा है। सभी दल जहां अपने-अपने मुद्दों और वादों के साथ जनता तक पहुंचने की कोशिश में लगे हैं। वहीं, नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए शिक्षकों, किसान सलाहकारों, आशा कार्यकर्ताओं के बाद अब नियोजित स्वास्थ्य कर्मियों को तोहफा दिया है। सरकार ने उनके मानदेय में 11,000 रुपये से लेकर 21,000 रुपये तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इस फैसले से राज्य के हजारों स्वास्थ्य कर्मियों को सीधा लाभ मिलेगा।
स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार (28 अगस्त) को इस बात की आधिकारिक जानकारी दी। एक बयान में बताया गया कि लैब टेक्नीशियन और एक्स-रे टेक्नीशियन का मानदेय 37,000 रुपये से बढ़ाकर ₹48,000 कर दिया गया है। वहीं, वरिष्ठ रेडियोग्राफर का मानदेय ₹37,000 से बढ़ाकर 58,000 रुपये कर दिया गया है। इस फैसले से लगभग 500 कर्मियों को सीधा फायदा होगा। विभाग का कहना है कि लंबे समय से स्वास्थ्य कर्मियों की यह मांग चली आ रही थी, जिसे अब पूरा कर दिया गया है।
यह पहली बार नहीं है जब नीतीश सरकार ने मानदेय में बढ़ोतरी की हो। कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार ने विभिन्न संविदा कर्मियों के मानदेय में भी इजाफा किया था। इसमें किसान सलाहकारों का मानदेय ₹13,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दिया गया था। जबकि आशा कार्यकर्ताओं को पहले मिलने वाले ₹1,000 की जगह 3,000 रुपये मासिक मानदेय देने का फैसला लिया गया था। इसके साथ ही ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव ₹300 की जगह अब ₹600 देने का फैसला लिया गया था। इसी तरह शारीरिक शिक्षकों और एमडीएम रसोइयों का भी मानदेय बढ़ाया गया।
बता दें कि बिहार में कुछ ही महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में नीतीश सरकार का यह कदम चुनावी रणनीति से भी बेहद अहम माना जा रहा है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि लाखों संविदा कर्मियों और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारियों को सीधा फायदा देकर सरकार चुनाव से पहले उन्हें अपने पक्ष में करने की रणनीति बना रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना काल और उसके बाद के दिनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी लंबे समय से यह मांग थी कि मानदेय बढ़ाया जाए। अब चुनाव से ठीक पहले उनकी यह मांग पूरी करना सरकार की एक बड़ी चाल भी मानी जा रही है।इस फैसले के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में खुशी की लहर है। उनका कहना है कि लंबे समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग हो रही थी। लेकिन अब सरकार ने उनकी परेशानी समझी है।