Bihar Crime News: बिहार में पिछले कुछ दिनों से पुलिसकर्मियों पर लगातार हो रहे हमलों से हड़कंप मच गया है। मुंगेर जिले में पुलिस की इमरजेंसी सेवा 'डायल-112' की टीम पर ग्रामीणों ने एक बार फिर पथराव और हमला कर दिया। इसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। मुंगेर के पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने मंगलवार (18 मार्च) को बताया कि इस मामले में 28 नामजद लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। SP ने कहा कि सोमवार रात को ही उनमें से 24 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि बाकी अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
पुलिस की ओर से जारी एक बयान के अनुसार सोमवार को खड़गपुर थाने को 'डायल-112' के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि फसियाबाद के ग्रामीणों द्वारा दो लोगों को बंधक बना कर उनके साथ मारपीट की जा रही है। प्राप्त सूचना के आधार पर खड़गपुर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में गठित पुलिस की एक विशेष टीम जब फसियाबाद स्थित सामुदायिक भवन के पास पहुंची तो देखा कि बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं सामुदायिक भवन के बाहर हैं। सामुदायिक भवन को बाहर से ताला लगाकर अंदर कुछ लोग बंधक बनाए गए दोनों व्यक्तियों के साथ मारपीट कर रहे हैं।
पीटीआई के अनुसार पुलिस ने स्थिति पर काबू पाते हुए बंधक बनाए गए दोनों व्यक्तियों को अपनी हिरासत में ले लिया और उनसे बारी-बारी से पूछताछ की। बंधक बनाए गए दोनों लोगों की पहचान विक्की कुमार और संजेश कुमार के रूप में की गई। सामुदायिक भवन के पास मौजूद ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि फसियाबाद गांव का गोविन्द कुमार अपने छोटे भाई अंकुश कुमार को शौच कराने बाहर लेकर जा रहा था। तभी सामुदायिक भवन के पास हथियार लिए मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने गोविन्द का मोबाइल छीन लिया और उनके साथ मारपीट की।
इससे गुस्साए ग्रामीणों ने विक्की कुमार और संजेश कुमार को बंधक बना लिया। बयान के मुताबिक पुलिस पदाधिकारी ने उग्र भीड़ को समझाने का काफी प्रयास किया कि बंधक बनाए गए दोनों व्यक्ति को छोड़ दिया जाए, लेकिन वहां मौजूद लोगों की भीड़ कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थी। काफी प्रयास के बाद बंधक बनाये गये विक्की और संजेश को पुलिसकर्मियों द्वारा जब थाने ले जाया जाने लगा तो उग्र भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने हंगामा किया और पत्थरबाजी करते हुए पुलिस की टीम पर हमला कर दिया।
इस हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गये। घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिये खड़गपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। इससे पहले 14 मार्च को राम में मुंगेर जिले में दो पक्षों के बीच विवाद को सुलझाने गए एक ASI संतोष कुमार सिंह पर एक पक्ष द्वारा किए गए हमले के बाद उनकी मौत हो गई थी। कैमूर जिले के निवासी एएसआई सिंह भी डायल- 112 से जुड़े थे।
बिहार में पुलिसकर्मियों पर लगातार हो रहे हमले को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों का बोलबाला है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने NCRB के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि नीतीश कुमार के शासनकाल में अभी तक 60,000 हत्याएं हुईं। बिहार में 25,000 बलात्कार हुए हैं। इनके शासनकाल में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मियों की हत्या और पिटाई हुई है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास ही गृह विभाग का दायित्व है, लेकिन वे अचेत अवस्था में आ चुके हैं। तेजस्वी ने कहा कि होली के बाद सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई। सदन में विपक्ष ने लॉ एंड ऑर्डर पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया था, लेकिन नहीं माना गया। बिहार में अपराध जिस तरह से बढ़ा है, वह चिंता का विषय है। अपराधी बेलगाम हो चुके हैं, लेकिन इस पर चर्चा नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार चौपट हो रहा है। नीतीश कुमार के पास ही गृह विभाग है, हमेशा से रहा है और अब अपराधियों को सत्ता संरक्षण दे रहे हैं। अपराधी बेलगाम हो चुके हैं। अपराधियों के डर से पुलिस भाग रही है। एएसआई रैंक के पुलिसकर्मियों की हत्या हो रही है। अपराधियों का तांडव जारी है, लेकिन मुख्यमंत्री दो शब्द इस विषय पर बोल नहीं रहे हैं। तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि 20 साल में बिहार में जो घटनाएं हुईं, उसके दोषी भी लालू यादव को ही मुख्यमंत्री ठहराएंगे।