बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी - अपनी तैयारी तेज कर दी है। सभी दल रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इसी बीच में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी अपनी चुनावी रणनीति को बेहतर करने के लिए राजधानी पटना में दो दिवसीय कोर कमेटी बैठक की शुरुआत कर दी है। यह बैठक 24 और 25 सितंबर को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित की जा रही है।
मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि यह बैठक केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर हो रही है। इसका मुख्य उद्देश्य जिलावार समीक्षा, उम्मीदवार चयन और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देना है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों के प्रमुख नेताओं को इसमें बुलाया गया है और उनकी राय के आधार पर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि, इस बार भाजपा कार्यालय में उम्मीदवार बनने के लिए 5 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। इनमें से कुछ नाम शॉर्टलिस्ट किए गए, जिन पर बैठक में चर्चा की जा रही है। पहले दिन आधे जिलों के नेताओं और पदाधिकारियों से चर्चा की जा रही है, जबकि दूसरे दिन शेष जिलों पर मंथन होगा। प्रत्येक जिले से लगभग 20-25 नेता शामिल हुए हैं।
BJP की यह कोर कमिटी बैठक बुधवार (24 सितंबर) को सुबह 11 बजे से शुरू हुई है, और शाम तक चलेगी। इसका सबसे बड़ा एजेंडा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार करना है। माना जा रहा है कि इस बैठक में लगभग अंतिम सूची बना ली जाएगी, जिसे बाद में केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजा जाएगा। इसके अलावा भाजपा की मातृ संगठनों की ओर से भेजे गए सुझावों पर भी चर्चा होगी।
इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष, बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, विधान पार्षद, वर्तमान और पूर्व जिलाध्यक्ष सहित पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद हैं। इसे भाजपा की चुनावी तैयारियों का एक अहम पड़ाव माना जा रहा है।
वहीं, भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस बार पार्टी कई नए चेहरों को मौका देने की तैयारी में है। 70 साल से अधिक उम्र के नेताओं को टिकट देने से बचा जाएगा। इसके अलावा जिन विधायकों या नेताओं की सक्रियता कम है या जिनका स्थानीय स्तर पर विरोध है, उनका टिकट कट सकता है। वहीं संगठन से लंबे समय से जुड़े और सक्रिय नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। पार्टी के अंदर चर्चा है कि जो नेता बिना किसी सिफारिश या दबाव के लगातार संगठन से जुड़े रहे हैं, उन्हें भी प्राथमिकता दी जाएगी। इसका मकसद जमीनी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करना और संगठन की मजबूती को बढ़ाना है।
इस बैठक के बाद यह भी साफ हो सकता है कि भाजपा बिहार में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और NDA के भीतर सीट बंटवारे का समीकरण कैसा रहेगा। साथ ही किन मौजूदा विधायकों की टिकट कटेगी और किन नए चेहरों को मौका मिलेगा, इस पर भी तस्वीर साफ होगी।