Bihar infrastructure boost: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहारवासियों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (24 सितंबर) को बिहार में नेशनल हाईवे 139W पर 78.94 किलोमीटर लंबे साहेबगंज-अरेराज-बेतिया सेक्शन को चार लेन बनाने की परियोजना को मंजूरी दे दी। इस पर 3,822.31 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। प्रस्तावित चार लेन वाली नई परियोजना पटना और बेतिया के बीच संपर्क में सुधार करेगी। यह उत्तर बिहार के वैशाली, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिलों को भारत-नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों से जोड़ेगी।
कैबिनेट मीटिंग के बाद बुधवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने बिहार में नेशनल हाईवे 139W के साहेबगंज-अरेराज-बेतिया सेक्शन के चार लेन के हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) में निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की कुल लंबाई 78.94 किलोमीटर और कुल लागत 3,822.31 करोड़ रुपये है।"
उन्होंने कहा कि यह परियोजना लंबी दूरी के माल ट्रैफिक को सुगम बनाएगी। साथ ही प्रमुख (HAM) तक पहुंच में सुधार करेगी। इसके अलावा कृषि क्षेत्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और सीमापार व्यापार मार्गों से संपर्क में सुधार करके क्षेत्रीय आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाएगी।
इस एरिया के लोगों की बदलेगी किस्मत
बयान के अनुसार, यह परियोजना सात पीएम गति शक्ति आर्थिक केंद्रों, छह सामाजिक केंद्रों, आठ लॉजिस्टिक केंद्रों, 9 प्रमुख पर्यटन और धार्मिक केंद्रों को जोड़ेगी और केसरिया बुद्ध स्तूप (साहेबगंज), सोमेश्वरनाथ मंदिर (अरेराज), जैन मंदिर और विश्व शांति स्तूप (वैशाली) और महावीर मंदिर (पटना) सहित प्रमुख विरासत और बौद्ध पर्यटन स्थलों तक पहुंच में सुधार करेगी। इससे बिहार के बौद्ध सर्किट और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन क्षमता को मजबूती मिलेगी।
मौजूदा हाईवे पर भीड़भाड़ की स्थिति को देखते हुए नेशनल हाईवे-139 W योजना हाई स्पीड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए बनाई गई है। यह नेशनल हाईवे संख्या-31, नेशनल हाईवे-722, नेशनल हाईवे-727, नेशनल हाईवे-27 और नेशनल हाईवे-227A के लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क के रूप में काम करेगा।
इस परियोजना से साहेबगंज और बेतिया के बीच कुल यात्रा समय मौजूदा विकल्पों की तुलना में 2.5 घंटे से घटकर एक घंटा रह जाएगा। साथ ही यात्री और मालवाहक वाहनों, दोनों के लिए सुरक्षित और निर्बाध संपर्क सुविधा उपलब्ध होगी। बयान के अनुसार, 78.94 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित परियोजना से लगभग 14.22 लाख मानव दिवस प्रत्यक्ष रोजगार और 17.69 लाख मानव दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। प्रस्तावित गलियारे के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण यह परियोजना अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी।