Bihar Election 2025: चिराग पासवान बने BJP की टेंशन! बिहार में LJP की डिमांड से बिगड़ सकता है NDA में बैलेंस
Bihar Election 2025: NDA के बड़े साझेदार बीजेपी और JDU पर दबाव बनाए रखने के लिए चिराग पासवान ने बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार सरकार की खुलेआम आलोचना की है। उनकी यह बयानबाजी JDU और जीतन राम मांझी की HAM पार्टी को असहज कर रही है, जबकि बीजेपी ने इस पर बहुत संभलकर प्रतिक्रिया दी है
Bihar Election 2025: चिराग पासवान बने BJP की टेंशन! बिहार में LJP की मांग से बिगड़ सकता है NDA में बैलेंस
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले BJP-JDU गठबंधन की चुनौतियों में सिर्फ RJD-कांग्रेस के चुनावी अभियान का सामना करना ही शामिल नहीं है। इतना ही बड़ा काम NDA के अंदर तालमेल बनाए रखना और सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर सहमति बनाना भी है। इनमें सबसे मुश्किल चुनौती केंद्रीय मंत्री और LJP (राम विलास) प्रमुख चिराग पासवान को मनाना होगी। 42 साल के चिराग पासवान इस बार ज्यादा सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं। पिछले साल बिहार में हुए लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 5 में से सभी 5 सीटें जीतकर अच्छा प्रदर्शन किया था।
NDA के बड़े साझेदार बीजेपी और JDU पर दबाव बनाए रखने के लिए चिराग पासवान ने बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार सरकार की खुलेआम आलोचना की है। उनकी यह बयानबाजी JDU और जीतन राम मांझी की HAM पार्टी को असहज कर रही है, जबकि बीजेपी ने इस पर बहुत संभलकर प्रतिक्रिया दी है।
BJP को चिराग पासवान की जरूरत क्यों?
चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रमुख हैं। यह पार्टी दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय राम विलास पासवान ने बनाई थी। उनके निधन के बाद पार्टी दो हिस्सों में बंट गई, जब उनके बेटे चिराग और भाई पशुपति कुमार पारस ने राजनीतिक विरासत को लेकर टकराव किया।
आखिरकार, चिराग ने बाजी मार ली। LJP (रामविलास) को पासवानों का समर्थन हासिल है, जो एक प्रभावशाली दलित समुदाय है और बिहार की आबादी का 6 प्रतिशत हिस्सा है।
2024 के आम चुनाव में, चिराग पासवान की पार्टी ने जिन पांच सीटों पर चुनाव लड़ा, उन सभी पर जीत हासिल की और 6 प्रतिशत से ज्यादा वोट शेयर हासिल किया। रामविलास पासवान के निधन के ठीक बाद हुए 2020 के बिहार चुनाव में, अविभाजित LJP ने अकेले चुनाव लड़ा।
पार्टी ने पिछली बार एक सीट जीती थी, लेकिन नौ सीटों पर दूसरे नंबर पर रही और कुल वोट शेयर का 5.6% हासिल किया। इस प्रदर्शन से NDA को नुकसान हुआ था। बीजेपी जानती है कि इस बार चिराग पासवान और बड़ा झटका दे सकते हैं। वे लगातार इशारा कर रहे हैं कि अगर उनकी सीट बंटवारे की मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अकेले चुनाव लड़ सकते हैं।
चिराग पासवान की मांग और BJP का ऑफर
सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे की बातचीत में चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के लिए 40 विधानसभा सीटों की मांग की है। लेकिन बीजेपी ने उन्हें ज्यादा से ज्यादा 25 सीटें देने का प्रस्ताव रखा है। युवा नेता लगातार कड़ा मोलभाव कर रहे हैं। LJP (राम विलास) प्रमुख इस समय नरेंद्र मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं और भविष्य में अपनी पार्टी को ज्यादा पहचान दिलाने के लिए केंद्र में बड़ी भूमिका भी चाह सकते हैं।
BJP यह भी समझती है कि अगर वह चिराग पासवान की पार्टी को ज्यादा रियायतें देती है, तो उसके दूसरे सहयोगी, खासकर जेडीयू नाराज हो सकते हैं। चिराग पासवान का नीतीश कुमार के साथ जुबानी तकरार का पुराना इतिहास रहा है। ऐसे में बीजेपी, जिसे केंद्र में JDU का समर्थन चाहिए, नीतीश कुमार को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकती।
हालांकि, चिराग पासवान ने सार्वजनिक तौर पर मुख्यमंत्री पद की इच्छा नहीं जताई है, लेकिन वे खुद को भविष्य के दावेदार के रूप में पेश कर रहे हैं। उनके अभियान "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" और जनसंपर्क कार्यक्रम "चिराग की चौपाल" इस बात का संकेत देते हैं कि वे सिर्फ NDA के सहयोगी नहीं, बल्कि खुद एक मजबूत राजनीतिक ताकत भी हैं।
अब बीजेपी के सामने मुश्किल चुनौती है कि वो चिराग पासवान की उम्मीदों को कैसे संभाले, वो भी JDU और NDA के बाकी साथियों को नाराज किए बिना।
2020 के चुनावों में कुल 243 सीटों में से JDU ने 115 पर चुनाव लड़ा, BJP ने 110 सीटों पर, जबकि सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने 11 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने 8 सीटों पर मुकाबला किया। वहीं, LJP ने अकेले चुनाव लड़ते हुए 134 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।