बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का राजनीतिक तापमान अब चरम पर है। चुनाव प्रचार के बीच अब BJP नेताओं के निशाने पर 'महागठबंधन' आ गया है। शुक्रवार (24 अक्टूबर) को पटना में BJP सांसद और भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी ने महागठबंधन और तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महागठबंधन मुस्लिम समाज को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करता है, लेकिन उनके विकास और सम्मान के लिए कुछ नहीं करता।
मनोज तिवारी ने कहा कि मुस्लिम समाज को असल में अगर किसी ने साथ दिया है, तो वह NDA सरकार ने दिया है। उन्होंने कहा, "मुस्लिम समाज के लिए अगर किसी ने सच्चे अर्थों में काम किया है, तो वो मोदी जी और नीतीश जी हैं। अगर सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास लेकर कोई चल रही है, तो वह NDA चल रही है।"
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेताओं को सिर्फ सत्ता और कुर्सी की चिंता है, जनता की नहीं। "महागठबंधन के भीतर इतनी अंदरूनी कलह है कि तेजस्वी यादव को खुद को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने में नाको चने चबाने पड़े। यह लोग दिखावे के लिए एकजुट हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि ना तो राहुल गांधी तेजस्वी को स्वीकार करते हैं, और ना तेजस्वी राहुल गांधी को।"
वहीं मनोज तिवारी ने भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिन्होंने कहा था कि मनोज तिवारी और रवि किशन की कोई पहचान नहीं है, और उनकी तुलना आशाराम से की थी। इस पर तिवारी ने मुस्कुराते हुए कहा, "कोई बात नहीं छोटा भाई है, कुछ कहेगा तो सुनेंगे।"
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद द्वारा भगत सिंह की तुलना हमास से किए जाने पर उन्होंने कहा, "इमरान मसूद का जितने भी बयान आप सुनेंगे, उससे ऐसा लगता है कि उनका खुद का साठ-गांठ आतंकवादियों संगठनों से है। ऐसे लोग कभी भी मुस्लिम समाज का भला नहीं कर सकते, वे लोग सिर्फ नफरत फैलाते है।"
वहीं, केतकी सिंह पर मिथिला पाग के अपमान के आरोपों पर मनोज तिवारी ने कहा कि हम सबका सम्मान करते हैं।
'महागठबंधन' में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का चेहरा घोषित होते ही बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। एक ओर जहां तेजस्वी को CM उम्मीदवार और मुकेश सहनी को डिप्टी CM उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा हुई, वहीं दूसरी ओर NDA ने इस पर लगातार हमला बोलना शुरू कर दिया है। BJP और सहयोगी दलों के नेताओं ने 'महागठबंधन' पर जातीय समीकरण और स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगा रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव में अब मुकाबला सीधा नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच है। लेकिन मनोज तिवारी के इस बयान ने महागठबंधन की अंदरूनी कलह और मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति पर नई बहस छेड़ दी है।