Bihar Election Result 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने शानदार जीत दर्ज की। बिहार में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। बिहार में भाजपा ने एक 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से उसने 83 सीटों पर जीत हासिल कर ली है और 6 सीटों पर आगे चल रही है। कुल मिलाकर बिहार में भाजपा के खाते में करीब 90 सीटें जा रही है। वहीं जदयू ने भी 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था और नतीजों में उसके खाते में भी 85 जीते जाती दिख रही हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने शानदार जीत में यूपी के नेताओं की भूमिका भी काफी चर्चा में रही। खासकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रभाव इस बार बिहार की राजनीति में साफ दिखा।
सीएम योगी ने की थी 31 रैलियां
बिहार में यूपी सीएम योगी ने बिहार में कुल 31 रैलियां कीं, जिनमें से उनके समर्थन वाले 27 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। यानी उनका स्ट्राइक रेट 87% से ज़्यादा रहा, जो किसी भी बाहरी नेता के लिए बेहद प्रभावशाली माना जा रहा है। इसके उलट, सपा प्रमुख अखिलेश यादव की कोशिशें असरदार नहीं रहीं। उन्होंने 22 जनसभाएँ कीं, लेकिन केवल 2 सीटें ही सपा के खाते में गईं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कैमूर जिले की भभुआ सीट पर प्रचार किया, लेकिन 5 में से सिर्फ 1 उम्मीदवार जीत सका। चंद्रशेखर आज़ाद, स्वामी प्रसाद मौर्य और सुभासपा नेताओं के प्रचार का भी कोई असर नहीं हुआ और उनके सभी उम्मीदवार जमानत तक नहीं बचा पाए।
योगी की ये टिप्पणी काफी चली
चुनावी प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने महागठबंधन के तीन प्रमुख नेताओं—राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव—की तुलना ‘अप्पू, पप्पू और टप्पू’ से कर दी। यह टिप्पणी मीडिया में बड़ी बहस का कारण बनी और अचानक चुनावी चर्चा रोजगार और विकास से हटकर इस बयान पर केंद्रित हो गई। बीजेपी और एनडीए ने इसे बखूबी भुनाया और इसका असर मतदान पर भी दिखाई दिया। दिलचस्प बात यह रही कि तीन सीटों पर योगी और अखिलेश दोनों ने रैलियाँ कीं, जिनमें मोतिहारी सीट बीजेपी के खाते में गई, जबकि रघुनाथपुर और बिस्फी सीटें राजद ने जीतीं।
काम ना आई रैली
अखिलेश यादव ने छपरा में भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव के लिए प्रचार किया, लेकिन वे जीत हासिल नहीं कर सके। वहीं, सीवान के दिवंगत बाहुबली शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब रघुनाथपुर से विजयी रहे। बसपा ने 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन पूरे राज्य में मात्र 1.52% वोट ही प्राप्त कर सकी। कैमूर की रामगढ़ सीट ही बसपा के खाते में जा पाई। कुल मिलाकर, बिहार चुनाव में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की ताकत और लोकप्रियता स्पष्ट दिखाई दी। उनकी आक्रामक रैलियों और जोरदार प्रचार ने एनडीए की बड़ी जीत में अहम योगदान दिया।
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