Bihar Result 2025: बिहार चुनाव में लालू फैक्टर को भी नहीं किया जा सकता दरकिनार, नतीजों पर पड़ेगा जातीय समीकरण को साधने का असर!

Bihar Election 2025 Result: चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद चुनाव लड़ने पर रोक लगने के बावजूद लालू प्रसाद यादव अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के जरिए बिहार की राजनीति पर काफी प्रभाव डाल रहे हैं। RJD ने यादव और मुस्लिम वोट बैंक पर मजबूत पकड़ बनाए रखी है, जो परंपरागत रूप से लालू के राजनीतिक आधार की रीढ़ है, जिससे यह चुनावी गणित में एक अहम कारक बन गया है

अपडेटेड Nov 13, 2025 पर 7:58 PM
Story continues below Advertisement
Bihar Result 2025: बिहार चुनाव में लालू फैक्टर को भी नहीं किया जा सकता दरकिनार

बिहार में विधानसभा चुनाव के नतीजों का काउंट डाउन शुरू हो गया है। NDA हो या महागठबंधन दोनों ही खेमों की स्थिति- यही रात अंतिम, यही रात भारी...वाली होगी। इस पूरे चुनाव में कई फैक्टर ऐसे रहे हैं, जिनकी चर्चा खूब हुई, जैसे क्या महिलाओं का झुकाव NDA की तरफ और युवा वोटरों का समर्थन तेजस्वी यादव और महागठबंधन की तरफ। हालांकि, इसमें एक बड़ा फैक्टर है जाति यानी कास्ट और उसे में साधने में लालू प्रसाद यादव ने बड़ी ही अहम भूमिका निभाई है।

चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने के बाद चुनाव लड़ने पर रोक लगने के बावजूद लालू प्रसाद यादव अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के जरिए बिहार की राजनीति पर काफी प्रभाव डाल रहे हैं। RJD ने यादव और मुस्लिम वोट बैंक पर मजबूत पकड़ बनाए रखी है, जो परंपरागत रूप से लालू के राजनीतिक आधार की रीढ़ है, जिससे यह चुनावी गणित में एक अहम कारक बन गया है।

लालू का जातीय समीकरण


यह लालू यादव की राजनीतिक समझदारी की मिसाल है कि उन्होंने कुशवाहा जाति के चेहरों के विधानसभा चुनाव में टिकट देकर उनके वोट बैंक को जोड़ने का काम किया। इस कदम से कुशवाहा वोटर महागठबंधन के साथ जुड़ सकता है।

सामाजिक न्याय और पिछड़ी जातियों के सशक्तिकरण की लालू की राजनीतिक विरासत ग्रामीण बिहार में मजबूती से गूंजती रही है, जिससे खासतौर से निम्न आय और हाशिए पर पड़े समूहों के बीच मतदाताओं की पसंद प्रभावित हो सकती है।

इसलिए उन्होंने मल्लाह जाति की राजनीति करने वाली VIP पार्टी को अपने साथ रखकर EBC वर्ग के मतदाताओं को भी महागठबंधन के मजबूत स्तंभ के रूप में शामिल किया, जो चुनाव के परिणामों पर गहरा असर डाल सकता है।

'जंगलराज' की गूंज और तेजस्वी CM उम्मीदवार

वहीं, NDA ने ‘जंगलराज’ का मुद्दा जोर-शोर से प्रचारित किया, लेकिन जैसे ही महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया, जनता के मन में यह डर घर करने लगा कि अगर तेजस्वी मुख्यमंत्री बने तो पुराना ‘जंगलराज’ लौट सकता है, क्योंकि वे लालू यादव के पुत्र हैं।

लालू यादव ने यादव समुदाय के वोटों को एकजुट करने के लिए ही तेजस्वी को सीएम कैंडिडेट बनवाया, जो एक राजनीतिक चाल थी, लेकिन इसके साथ ही यह भी पता था कि इसका उलटा असर भी हो सकता है। यही कारण था कि कांग्रेस चुनावों से पहले मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा नहीं चाहती थी, ताकि इस दांव का विपक्ष पर नकारात्मक असर कम से कम हो।

यह लालू यादव की राजनीतिक चौकस रणनीति और गहरी समझ का उदाहरण है, जिसने बिहार की राजनीति में अपने बेटे के लिए मजबूत आधार बनाया है और साथ ही संभावित जोखिमों को भी भांप लिया है।

Bihar Chunav Result: नारी शक्ति और यूथ पावर तय करेंगे बिहार चुनाव के नतीजे, NDA और महागठबंधन ने की थी लुभाने की पूरी कोशिश

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।