बिहार विधानसभा चुनाव के पहले फेज की वोटिंग खत्म हो चुकी है। पहले फेज में 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ है। शाम पांच बजे तक 18 जिलों में फैली इन सीटों पर 60.13 फीसदी वोटिंग हुई है। यह पिछले 25 सालों में पहली बार है, जब मतदान का आंकड़ा 60 प्रतिशत के पार गया है। गौरतलब है कि इससे पहले 1990, 1995 और 2000 के चुनावों में भी यह आंकड़ा 60 प्रतिशत से ऊपर गया था। अगर 2020 के मतदान से तुलना करें, तो इस बार बिहार में बंपर वोटिंग के साफ संकेत मिले हैं। दोपहर में ही मतदान ने पिछली बार के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया, जहां एक बजे तक पिछली बार से 9.2 प्रतिशत ज्यादा मतदान दर्ज हुआ था। यह बढ़ता वोटिंग ट्रेंड बताता है कि लोगों में चुनाव के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
2020 के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 57.29% था, जबकि इस बार शाम 5 बजे तक लगभग 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जिन सीटों पर अभी मतदान हुआ, वहां 2020 के चुनाव में कुल 57 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जबकि इस बार 60 प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई है। कई सीटों पर पिछले चुनाव से 3 से 5 प्रतिशत ज्यादा मतदान देखने को मिला है। इस बार बेगूसराय में सबसे ज्यादा मतदान 67.32% हुआ है, जबकि शेखपुरा में सबसे कम 52% दर्ज किया गया।
बिहार में पहले चरण के मतदान के दौरान दोपहर 3 बजे तक 3.75 करोड़ मतदाताओं में से 53.8% वोट डाल चुके थे। 18 जिलों में बेगूसराय में सबसे ज्यादा 59.2% मतदान हुआ, जबकि राजधानी पटना में सबसे कम 48.69% मतदान दर्ज किया गया।
इस बार मतदाताओं में चुनाव को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तेजस्वी यादव और राहुल गांधी सहित कई बड़े नेताओं ने मतदान की अपील की, जिसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
पहले फेज में बिहार का कुल वोट प्रतिशत बढ़ने के संकेत और तेजस्वी यादव व नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजनीतिक मुकाबला भी जारी है। पिछली बार के मुकाबले इस बार मतदान में इजाफे ने चुनावी सरगर्मियों को और तेज किया है, और यह दिखाता है कि बिहार के लोकतंत्र में जनता की सक्रिय भागीदारी बढ़ रही है।