Bihar Chunav 2025: जहां बंदूक तय करती है सत्ता की दिशा! उसी मोकामा में फिर छिड़ी सियासी जंग
Bihar Election 2025: दुलारचंद यादव को ताल (नदी) इलाके में एक बाहुबली के रूप में देखा जाता था, जहां उनकी हत्या हुई थी। जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार करते हुए, यादव की गाड़ी कथित तौर पर JDU उम्मीदवार अनंत सिंह के काफिले से टकरा गई। यादव के पोते की तरफ से दर्ज कराई गई FIR के अनुसार, अनंत और उसके आदमियों ने उनके पैर में गोली मारी, रॉड से मारा और गाड़ी से कुचल दिया
Bihar Chunav 2025: जहां बंदूक तय करती है सत्ता की दिशा! मोकामा में फिर छिड़ी सियासी जंग
मोकामा के पास भदौर के बदलुचक क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में बिखरी कार की खिड़कियों के टुकड़े उस हिंसा की गवाही देते हैं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और जिसने बिहार चुनाव को इन इलाकों में तेजी से बदल दिया था। दो दिन पहले इसी इलाके में दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, यादव की मौत फेफड़े के फटने और कई पसलियों के फ्रैक्चर के कारण हुई थी। छाती और सिर पर गंभीर चोट के साथ कार्डियोपल्मोनरी फेल्योर को मौत का कारण बताया गया है, जिसका मतलब है कि गंभीर आघात के कारण दिल और सांस का रुक गई।
पुरानी दुश्मनी फिर से जाग उठी
दुलारचंद यादव को ताल (नदी) इलाके में एक बाहुबली के रूप में देखा जाता था, जहां उनकी हत्या हुई थी। जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार करते हुए, यादव की गाड़ी कथित तौर पर JDU उम्मीदवार अनंत सिंह के काफिले से टकरा गई।
यादव के पोते की तरफ से दर्ज कराई गई FIR के अनुसार, अनंत और उसके आदमियों ने उनके पैर में गोली मारी, रॉड से मारा और गाड़ी से कुचल दिया।
पुलिस ने इस मामले में हत्या, पथराव, आगजनी से संबंधित 4 FIR दर्ज की हैं, और अनंत सिंह की ओर से उनके RJD प्रतिद्वंद्वी सूरजभान सिंह के खिलाफ एक जवाबी FIR दर्ज कराई गई है।
अनंत और सूरजभान दोनों को इस इलाके में "बाहुबली" के रूप में जाना जाता है। मोकामा पर नियंत्रण को लेकर सूरजभान और अनंत दोनों के बीच टकराव रहा है।
सूरजभान की पत्नी वीणा देवी, अनंत के खिलाफ RJD उम्मीदवार हैं। अनंत को इन इलाकों में "छोटे सरकार" कहकर पुकारा जाता है, उनका दावा है कि सूरजभान ने राजनीतिक फायदे के लिए दुलारचंद की मौत में उन्हें फंसाने की साजिश रची थी।
भय और चुनाव बहिष्कार की धमकी
पुलिस ने 60 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है, लेकिन हत्या के मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। यही कथित निष्क्रियता इन इलाकों में चुनाव को पटरी से उतारने का खतरा बन रही है।
DIG जयंत कांत ने CNN-News18 को बताया, "जमीन पर मौजूद फोरेंसिक टीमें सबूत इकट्ठा कर रही हैं। कई गवाहों से बात की जा रही है।"
लेकिन दुलारचंद के गांव तारतर में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है। दुलारचंद यादव के पोते ने रोते हुए अपने गांव के घर पर CNN-News 18 से कहा, "जिसने मारा उसको सुरक्षा देकर अभियान करवा रहे हैं। अब तक अनंत सिंह ने मेरे परिवार के 5 लोग मार दिए हैं और पुलिस-प्रशसन कुछ नहीं कर रही।"
घर के बाहर, लोगों ने घोषणा की कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता, वे वोट नहीं देंगे। तारतर गांव के सूरज यादव ने कहा, "अगर किसी यादव की इस तरह हत्या होती, तो जंगलराज का नारा तुरंत गूंज उठता। लेकिन भूमिहार अनंत सिंह अपना चुनाव प्रचार कर रहा है और पुलिस कुछ नहीं कर रही है।"
दुलारचंद के घर के बाहर जमा भीड़ ने तैनात पुलिस और अर्धसैनिक बलों का घेराव किया और सुरक्षा की मांग की। एक निवासी, जिसने खुद को प्रत्यक्षदर्शी बताया, ने CNN-News18 को बताया, "हम सब डरे हुए हैं। कैमरे पर कुछ भी कहने पर लोगों का अपहरण किया जा रहा है। पुलिस और मीडिया की मौजूदगी हमारी जान को और खतरे में डाल रही है।" उसने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया, लेकिन दावा किया कि उसने दुलारचंद को गोली लगते, गाड़ी से बाहर खींचते, पीटते और फिर गाड़ी से कुचलते देखा।
मतदाताओं का ध्रुवीकरण हुआ
मोकामा शहर में, भूमियार समुदाय के अनंत सिंह समर्थकों ने इस आरोप को खारिज कर दिया। संजय शर्मा ने कहा, "दुलारचंद कोई संत नहीं थे। उनके खिलाफ लूट, अपहरण और हत्या के कई मामले दर्ज हैं। वह एक बूढ़ा आदमी था, जो शायद अफरा-तफरी में कुचला गया होगा। यह हत्या का मामला नहीं है।"
मोकामा में भूमिहार (65,000), यादव (40,000) और धानुक (45,000) प्रमुख जातियां हैं। पीयूष प्रियदर्शी धानुक जाति से आते हैं। वीणा देवी के नाम की घोषणा से पहले उन्हें RJD से टिकट मिलने की उम्मीद थी। दुलारचंद की हत्या के बाद, यादव वोटों का तेज ध्रुवीकरण न केवल मोकामा में ही नहीं, बल्कि आसपास की सीटों पर भी जाति को निर्णायक फैक्टर बना सकता है।