Bihar elections 2025: बिहार की सियासत में मतदाता सूची को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार मतदाता पुनरीक्षण पर सवाल उठा रहे हैं और एक के बाद एक नेताओं पर दो-दो वोटर आईडी रखने का आरोप लगा रहे हैं। ताजा मामले में तेजस्वी ने वैशाली से एनडीए की सांसद और चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) की वीणा देवी पर निशाना साधा है।
तेजस्वी यादव ने बीते बुधवार देर रात अपने X (Twitter) अकाउंट पर दावा किया कि सांसद वीणा देवी के पास दो अलग-अलग वोटर आईडी और ईपिक नंबर हैं। उनके मुताबिक, एक आईडी का नंबर UTO1134543 है, जबकि दूसरा GSB1037894। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि वीणा देवी के नाम पर दो अलग-अलग जिलों और दो अलग-अलग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में वोट दर्ज हैं। इतना ही नहीं, दोनों वोट अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में भी दर्ज हैं और वोटर लिस्ट में उनकी उम्र भी अलग बताई गई है, एक जगह 54 साल और दूसरी जगह 55 साल है।
तेजस्वी यादव का चुनाव आयोग पर आरोप
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि आखिर चुनाव आयोग ने एक ही व्यक्ति को दो अलग-अलग जगहों पर वोटर सूची में कैसे शामिल कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह चुनाव आयोग की लापरवाही है और इस तरह की गड़बड़ी लोकतंत्र के लिए खतरा है।
यह पहली बार नहीं है जब तेजस्वी यादव ने इस तरह का आरोप लगाया है। इससे पहले उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर भी दो ईपिक नंबर और अलग-अलग उम्र दर्ज होने का दावा किया था। उन्होंने मुजफ्फरपुर की मेयर और बीजेपी नेता निर्मला देवी, उनके दो देवरों और कई अन्य लोगों के नाम भी गिनाए थे, जिनके पास दो-दो वोटर आईडी पाए गए हैं।
चुनाव आयोग बीजेपी के पक्ष में कर रहा है काम
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग बीजेपी के पक्ष में काम कर रहा है और नियमों का पालन नहीं हो रहा। उन्होंने यहां तक दावा किया कि अब “गुजराती भी बिहार के वोटर बन रहे हैं।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी नेता भीखूभाई दलसानिया, जो गुजरात के रहने वाले हैं, अब पटना के वोटर बन गए हैं, जबकि उन्होंने गुजरात की वोटर लिस्ट से अपना नाम कटवा लिया था। तेजस्वी का कहना है कि यह सब मिलकर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कर रहें है।
हालांकि, इन आरोपों पर फिलहाल चुनाव आयोग या संबंधित नेताओं की ओर से कोई बयान नहीं जारी किया गया है। लेकिन यह मामला बिहार की सियासत में एक नए विवाद का कारण बन गया है। बिहार में आने वाले 2-3 महीने में विधानसभा चुनाव होने को है, ऐसे में वोटर लिस्ट में इस तरह की गड़बड़ियां सामने आना बड़ा सवाल खड़ा करता है।
तेजस्वी यादव के इन आरोपों के बाद बिहार में राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है। जहां राजद और विपक्षी दल इस मुद्दे को चुनावी नैतिकता से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं एनडीए खेमे के नेता इसे महज राजनीतिक ड्रामा बता रहे हैं।