Bihar Elections 2025: भोजपुरी सुपरस्टार और मशहूर सिंगर पवन सिंह ने मंगलवार (30 सितंबर) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। यह मुलाकात बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुई है। सूत्रों के मुताबिक, पवन सिंह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर बिहार चुनाव लड़ सकते हैं। यह अहम मुलाकात अमित शाह के आवास पर हुई है। इस दौरान उनके साथ बीजेपी महासचिव विनोद तावडे और पार्टी सचिव ऋतुराज सिन्हा भी थे। तावडे बिहार में बीजेपी के संगठन प्रभारी हैं।
अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पवन सिंह की BJP में वापसी हुई है। अटकलें लगाई जा रही है कि पवन NDA में शामिल किसी भी पार्टी से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। इससे पहले पवन सिंह ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। इसे बिहार विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन में आई दरार को दूर करने के लिए NDA की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
पवन सिंह ने कुशवाहा से उनके आवास पर मुलाकात की। पवन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनावों में कुशवाहा की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब उन्होंने काराकाट सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था। यह बैठक जाहिर तौर पर सिंह के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना के बीच राज्यसभा सदस्य कुशवाहा को शांत करने के उद्देश्य से हुई थी।
बाद में तावडे ने पत्रकारों से कहा कि पवन सिंह भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं। आगामी चुनावों में NDA के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे। तावडे ने कहा कि कुशवाहा ने उन्हें आशीर्वाद दिया है। लोकप्रिय भोजपुरी गायक को बीजेपी ने पहली बार 2024 में पश्चिम बंगाल के आसनसोल से मैदान में उतारा था।
हालांकि बाद में पार्टी ने उन पर यह आरोप लगने के बाद उन्हें चुनाव मैदान से हटने के लिए दबाव डाला कि उनके म्यूजिक वीडियो और गानों में बंगाली महिलाओं को अभद्र तरीके से दिखाया गया है। पार्टी द्वारा उन्हें बिहार से टिकट देने से मना करने के बाद राजपूत जाति से आने वाले पवन सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा।
उच्च जातियों का एक वर्ग, खासकर राजपूत, उनके समर्थन में एकजुट हो गया। इससे क्षेत्र के कुशवाह समुदाय में नाराजगी फैल गई। बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA को कुछ सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। काराकाट लोकसभा चुनाव में कुशवाहा तीसरे स्थान पर रहे। यह सीट भाकपा (माले) ने जीती। कुशवाहा की हार में पवन सिंह की अहम भूमिका थी।