बिहार में एनडीए की बड़ी जीत के बाद नई सरकार बनाने की कवायद भी तेज हो गई है। नई सरकार की गठन के साथ ही साथ अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि गठबंधन अपनी कैबिनेट को किस तरह तैयार करेगा। राजनीतिक हलकों में यही सवाल सबसे ज़्यादा चर्चा में है।सूत्रों का कहना है कि भाजपा और जदयू टिकट बांटने में जिस फॉर्मूले पर सहमत हुए थे, वही तरीका अब सरकार में पदों के बंटवारे में भी अपनाया जा सकता है।
इस फॉर्मूले के तहत माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी एक बार फिर नीतीश कुमार की जदयू को मिलेगी। वहीं भाजपा और चिराग पासवान की लोजपा को एक-एक उपमुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि चुनाव के समय हर एनडीए घटक दल को उनके हर सांसद पर पांच से छह विधानसभा सीटें दी गई थीं। इसी आधार पर अनुमान है कि कैबिनेट में भी सीटों की संख्या उसी हिसाब से तय की जाएगी। उदाहरण के तौर पर, जदयू के पास इस समय 84 विधायक हैं, इसलिए उसे लगभग 14 मंत्री पद मिल सकते हैं।
बिहार में एनडीए की जबरदस्त जीत
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने विपक्षी महागठबंधन को करारी हार दी है। नतीजों में राजग की लहर इतनी तेज रही कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई। गठबंधन के अंदर सीटों का बंटवारा इस तरह रहा - भाजपा को 89 सीटें, जदयू को 85, लोजपा (रामविलास) को 19, हम को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटें मिलीं।
शपथ ग्रहण कब होगा?
सूत्रों के अनुसार, नई सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। उम्मीद है कि अगले तीन से चार दिनों में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। हालांकि सही तारीख और समय अभी तय नहीं है। बताया जा रहा है कि गठबंधन एक “शुभ” दिन चुनने पर चर्चा कर रहा है। नई सरकार में सभी दलों को उनकी जीती हुई सीटों के अनुसार हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद है ताकि कैबिनेट में सभी का संतुलित प्रतिनिधित्व हो सके।
आगे की प्रक्रिया
जब आंतरिक बातचीत पूरी हो जाएगी, तब एनडीए एक संयुक्त विधायक दल की बैठक बुलाएगा। इस बैठक में औपचारिक रूप से गठबंधन के नेता का चयन किया जाएगा। वही नेता राज्यपाल से मिलकर बिहार में नई सरकार बनाने का दावा पेश करेगा। एनडीए नेताओं ने नीतीश कुमार से की मुलाकात, जीत पर दी बधाई। शनिवार को एनडीए के कई नेता जेडी(यू) अध्यक्ष और बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार से मिलने उनके सरकारी आवास 1, अणे मार्ग पहुंचे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी नीतीश कुमार से मिले। मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, “मैंने नीतीश कुमार जी को जीत की शुभकामनाएँ दीं। एनडीए की इस बड़ी जीत ने विपक्ष के उन दावों को गलत सिद्ध कर दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि हमारे गठबंधन में दरार है। चुनाव के दौरान भी मुख्यमंत्री उन क्षेत्रों में प्रचार करने गए जहाँ हमारे उम्मीदवार खड़े थे। हमने भी उनका साथ दिया और अलौली में जेडी(यू) उम्मीदवार का समर्थन किया, जो हमारा पारंपरिक क्षेत्र रहा है।”
नीतीश कुमार, हाल के दिनों में स्वास्थ्य कारणों के कारण काफी चर्चा में थे , लेकिन उन्होंने पूरे चुनाव अभियान में सक्रिय भागीदारी की। मुख्यमंत्री आवास पर आने वाले प्रमुख नेताओं में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव भी शामिल रहे। दानापुर सीट से उनकी जीत ने उनके राजनीतिक करियर को एक बार फिर नई ऊर्जा दी है।
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।