Bihar Election 2025: कौन हैं केसी सिन्हा जिनपर प्रशांत किशोर ने लगाया दांव? बिहार में बदलाव के लिए कुम्हरार से जन सुराज के उम्मीदवार का क्या है जीत का फॉर्मूला?

Professor Krishna Chandra Sinha: करीब 40 सालों से उनकी किताबें IIT-JEE जैसी दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं को क्रैक करने में लाखों छात्रों की मदद करती आई हैं। इसके अलावा उनकी K-12 (प्राथमिक से माध्यमिक) की किताबें हर साल लाखों छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होती हैं

अपडेटेड Oct 27, 2025 पर 2:12 PM
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केसी सिन्हा को मुख्य रूप से एक लेखक, गणितज्ञ और शिक्षाविद के रूप में जाना जाता है

KC Sinha:  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एक ऐसा नाम मैदान में उतरा है, जो दशकों से राज्य के लाखों छात्रों के लिए गणित का पर्याय रहा है। 'मैथ्स गुरु' के नाम से मशहूर केसी सिन्हा पहली बार चुनावी परीक्षा का सामना कर रहे हैं, जिन्हें चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने पटना की कुम्हरार विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। आइए आपको विस्तार से बताते हैं उनके बारे में।

कौन हैं प्रोफेसर केसी सिन्हा?

प्रोफेसर केसी सिन्हा का जन्म 29 दिसंबर 1954 को बिहार के भोजपुर जिले में हुआ था। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में शिखर तक पहुंचने की अपनी महत्वाकांक्षा को कभी कम नहीं होने दिया। केसी सिन्हा को मुख्य रूप से एक लेखक, गणितज्ञ और शिक्षाविद के रूप में जाना जाता है। उन्होंने गणित पर 70 से अधिक किताबें लिखी हैं।


करीब 40 सालों से उनकी किताबें IIT-JEE जैसी दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं को क्रैक करने में लाखों छात्रों की मदद करती आई हैं। इसके अलावा, उनकी K-12 (प्राथमिक से माध्यमिक) की किताबें हर साल लाखों छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होती हैं। प्रोफेसर सिन्हा ने कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं:

  • पटना विश्वविद्यालय में गणित विभाग के प्रमुख।
  • पटना साइंस कॉलेज (जो बिहार के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज में से एक है) के पूर्व प्रिंसिपल।
  • नालंदा खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति।
  • पटना विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, जय प्रकाश विश्वविद्यालय और मगध विश्वविद्यालय में कार्यवाहक कुलपति।

पुरस्कार और सम्मान

केसी सिन्हा को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें राज्य में शिक्षा का सर्वोच्च पुरस्कार 'मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार', 'आइकॉन्स ऑफ बिहार' पुरस्कार, और अगस्त 2024 में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा 'ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड' शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने उन्होंने हमेशा समाज के वंचित लेकिन मेधावी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का समर्थन किया है। वह अवसर ट्रस्ट जैसी पहलों का हिस्सा रहे हैं, जिसने JEE की मुफ्त कोचिंग दी है।

प्रोफेसर सिन्हा ने दिया बिहार की समस्याओं के लिए 'एक फॉर्मूला'

प्रोफेसर सिन्हा ने राजनेताओं के दावों और गणित के बीच के कुछ समानताओं और अंतरों पर भी प्रकाश डाला है। उन्होंने बिहार के सभी विकास संबंधी मुद्दों शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और राजनीति को हल करने के लिए 'एक फॉर्मूला' सुझाया, जिसका सार स्थानीय समस्याओं की पहचान और जमीनी स्तर पर रणनीति बनाकर काम करना है।उन्होंने कहा कि जैसे गणित में किसी सवाल को हल करने के लिए सही फॉर्मूला और स्पष्ट रणनीति जरूरी है, उसी तरह बिहार की समस्याओं को हल करने के लिए 'स्थानीय संदर्भों के आधार पर समस्या को समझना और फिर उस पर सटीक रणनीति बनाकर लागू करना' ही एकमात्र फॉर्मूला है।

बिहार चुनाव 2025 में त्रिकोणीय मुकाबला

बिहार चुनाव इस साल नवंबर में दो चरणों 6 नवंबर और 11 नवंबर को होंगे, जिसके परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इस बार का चुनाव मुख्य रूप से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA), विपक्षी महागठबंधन और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा। प्रोफेसर सिन्हा की उम्मीदवारी इस बार के विधानसभा चुनाव को और भी दिलचस्प बना रही है। अब देखते है उनका मैथ्स का जादू चुनावी राजनीति में चल पता है या नहीं।

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