Bihar Assembly Election 2025: बिहार में विपक्ष की राजद और कांग्रेस समेत कई पार्टियों के महागठबंधन ने अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पटना में गुरुवार 12 जून को सीट बंटवारे को लेकर एक बैठक में हुई जिसमें विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (मार्क्सिस्ट), सीपीआई (एमएल) लिबरेशन और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने हिस्सा लिया। इस बैठक में फैसला लिया गया कि हर पार्टी संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार करेगी। यह सूची उम्मीदवारों की जीत की संभावना और जमीनी ताकत के आधार पर बनाई जानी हैं। सीट बंटवारे के अलावा विपक्षी गठबंधन ने गुरुवार की बैठक में अपने मुख्य चुनावी एजेंडे और अभियान रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया।
बैठक में गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी ने कथित तौर पर सहयोगियों को अपनी सीट की मांग रखने से पहले मजबूत दावेदारों को प्राथमिकता देने की सलाह दी है। सूत्रों के मुताबिक राजद नेता और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पहले ही अप्रैल में कांग्रेस नेतृत्व से कह चुके हैं कि आखिरी समय में बातचीत से बचना चाहिए। राजद (आरजेडी) का मानना है कि वर्ष 2020 में कांग्रेस को 70 सीटें देकर गठबंधन ने गलती की, क्योंकि विधानसभा चुनाव में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस के खराब परफॉर्मेंस के चलते महागठबंधन कमजोर पड़ गई।
कांग्रेस की बात करें तो पार्टी अभी सीटों की संख्या तय नहीं की है लेकिन यह क्वालिटी सीट की मांग कर रही है। कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में 70 में से सिर्फ 19 सीटें ही जीती थीं तो मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस को सीट बंटवारे को लेकर थोड़ी हिचकिचाहट है लेकिन वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे पर अपने दावे को मजबूती से रख रही है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बिहार में तीन सीटें जाती थीं। कुछ समय पहले एक मीडिया इंटरव्यू में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने कहा था कि पार्टी की चुनावी तैयारियां पूरी हैं और सीट बंटवारे पर चर्चा चल रही है।
अब वीआईपी की बात करें तो पिछले विधानसभा चुनाव में यह एनडीए का हिस्सा थी और चार सीटें जीती थीं। अब यह महागठबंधन में 40 से अधिक सीटें मांग रही है। इसके अलावा पार्टी की मांग अपने प्रमुख मुकेश साहनी को गठबंधन के उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की है।
वामपंथी दलों की बात करें तो ये मिलकर 50 से अधिक सीटें पाने की कोशिश कर रही हैं। इसमें से अधिकतर सीटें सीपीआई (एमएल) लिबरेशन मांग रही है। पार्टी अपने दावे का आधार वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में अपने मजबूत परफॉरमेंस को बना रही है जिसमें इसने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 12 सीटें जीती थीं। इसके अलावा पार्टी ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में बढ़त का भी जिक्र किया, जिसमें इसने दो सीटें हासिल कीं।
महागठबंधन ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर बैठक शुरू कर दी है लेकिन सत्ता में शामिल एनडीए गठबंधन ने अभी ऐसी कोई औपचारिक पहल नहीं शुरू की है। हालांकि जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा के साथ-साथ मंत्री बिजेंद्र यादव और विजय कुमार चौधरी और एमएलसी लल्लन शर्राफ गुरुवार को मिले थे। एक जदयू नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में उनकी पार्टी ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था और अब इस बार के लिए 122 सीटों की लिस्ट तैयार की गई है, जिसमें नौ सीट तो ऐसी हैं जिस पर अभी बीजेपी का कब्जा है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने 43 सीटें हासिल की थी जबकि बीजेपी को 74 पर जीत हासिल हुई थी।