हम तो डूबेंगे सनम और तुमको भी...दिल्ली में आप की सबसे बड़ी दुशमन बनी कांग्रेस! जानें क्या कहते हैं आंकड़े

Delhi Election Result 2025 : नतीजें सामने आने के बाद सियासी गलियारों में इस बात की भी काफी चर्चा रही कि, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हराने के लिए कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ा था। आइए आंकड़ों के हिसाब से जानते हैं क्या दिल्ली के इस चुनाव में आप की सबसे बड़ी दुशमन भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस बनी

अपडेटेड Feb 08, 2025 पर 5:21 PM
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दिल्ली में 'आप" की दुश्मन बनी कांग्रेस

Delhi Election Result 2025 : हम तो डूबे हैं सनम तुम को भी ले डूबेंगे... किसी बॉलीवुड फिल्मी का ये डायलॉग आज के दिल्ली चुनाव पर सटीक बैठता है। शनिवार को जैसे-जैसे दिल्ली चुनाव के नतीजे सामने आते गए आप नेताओं के चेहरे पर मायूसी और भाजपा नेताओं के चेहरे पर खुशी की लहर देखने को मिली।  नतीजों में दिल्ली की सत्ता पर 27 साल बाद भाजपा की वापसी हो रही है। भाजपा 48 सीटों पर जीत की तरफ बढ़ रही है तो आम आदमी पार्टी 40 सीटों पर हार की तरफ। दिल्ली चुनाव के नतीजों में कांग्रेस के प्रदर्शन में कोई परिवर्तन नहीं आया। पिछले दो चुनाव की तरह इस चुनाव में भी देश की सबसे पुरानी पार्टी दिल्ली के इस चुनाव में भी 0 की तरफ बढ़ती दिखी। नतीजें सामने आने के बाद सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा होने लगी कि कांग्रेस, ये चुनाव खुद के जीतने के लिए नहीं बल्कि दूसरों का सियासी समीकरण बिगाड़ने के लिए लड़ रही थी।

नतीजें सामने आने के बाद सियासी गलियारों में इस बात की भी काफी चर्चा रही कि, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हराने के लिए कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ा था। आइए आंकड़ों के हिसाब से जानते हैं क्या दिल्ली के इस चुनाव में आप की सबसे बड़ी दुशमन भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस बनी।

नई दिल्ली सीट पर क्या कहते हैं समीकरण


शुरुआत करते हैं राजधानी की नई दिल्ली सीट से। दिल्ली चुनाव का ये सबसे हाईप्रोफाइल सीट था। इस सीट से खुद आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल चुनावी मैदान में थे। वहीं भाजपा मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे दिखाई देने वाले परवेश वर्मा और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी इसी सीट से ताल ठोंक रहे थे। वहीं आज आए नतीजों में भाजपा के परवेश वर्मा ने बड़ा उलटफेर कर दिया।

12 साल पहले जैसे अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हराकर सत्ता से बाहर किया था ठीक उसी तरफ परवेश वर्मा ने केजरीवाल की विदाई तय कर दी। नई दिल्ली सीट से परवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को 4 हजार वोटों से हरा दिया। परवेश वर्मा को 30088 वोट मिले तो वहीं केजरीवाल को करीब 26 हजार वोट मिले। नतीजों में सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि यहां से कांग्रेस को उतने ही वोट मिले जितना भाजपा और आप के बीच जीत हार का अंतर रहा। कांग्रेस के संदीप दीक्षित को नई दिल्ली सीट से 4568 वोट मिले।

जंगपुरा के जंग में हारे मनीष सिसोदिया

वहीं अब बात करते हैं जंगपुरा सीट की। दिल्ली चुनाव की दूसरी हाईप्रोफाइल सीट थी जंगपुरा। जंगपुरा से खुद आम आदमी पार्टी के दूसरे सबस बड़े नेता मनीष सिसोदिया चुनाव लड़ रहे थे। इस सीट पर बीजेपी से तरविंदर सिंह मरवा खड़े थे, वहीं कांग्रेस ने यहां से फरहद सूरी को मैदान में उतारा था। वहीं इस सीट के नतीजे सामने आए तो यहां से भाजपा ने फिर से सबको चौंका दिया। जंगपुरा से मनीष सिसोदिया लगभग 600 वोटों से हार गए। इस सीट पर भाजपा को 38859 वोट मिले तो आप को 38184 वोट मिले। वहीं कांग्रेस को इस सीट पर 7350 वोट मिले।

मंत्री जी की भी ना चली

अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसा ही हाल आप सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज का भी रहा। सौरभ भारद्वाज को भी ग्रैटर कैलाश से हार का सामना करना पड़ा है। केजरीवाल की करीबी सौरभ भारद्वाज को बीजेरी की शिखा राय ने हराया है। भाजपा के शिखा राय को 49594 वोट मिले तो वहीं सौरभ भारद्वाज को 46406 वोट मिले। सौरभ को इस सीट से 3188 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। वहीं कांग्रेस के गर्वित सिंघवी को इस सीट से 6711 वोट मिले।

सोमनाथ भारती का भी पत्ता साफ

वहीं मालवीय नगर से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती को भी हार का सामना करना पड़ा है। एक समय दिल्ली की राजनीति में उभरता हुआ चेहरा और जानें माने वकील भारती, इस बार अपने ही गढ़ में चुनाव हार गए। सोमनाथ भारती को मालवीय नगर से 37433 वोट मिले वहीं इसी सीट से भाजपा के सतीश उपाध्याय को 39564 वोट मिले। भाजपा और आप के बीच जीत हार का अंतर 2131 वोटों का रहा। वहीं मालवीय नगर से कांग्रेस के जितेंद्र कुमार को 6770 वोट मिले।

मादीपुर में भी वही हाल

दिल्ली की मादीपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने बाजी मार ली है। अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व यह सीट हाई प्रोफाइल सीट बन गई थी, क्योंकि यहां से पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता राखी बिड़ला चुनाव लड़ रही थीं। हालांकि उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी के कैलाश गंगवाल ने उन्हें 10 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया। कैलाश गंगवाल को 52019 वोट मिले तो वहीं राखी बिड़ला को 41120 वोट मिले। भाजपा और आप के बीच हार जीत का अंतर 10899 वोटों का रहा। वहीं इस सीट पर कांग्रेस को 17 हजार से ज्यादा वोट मिले।

दिल्ली की शकूर बस्ती विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी से सत्येंद्र जैन मैदान को भी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा उम्मीदवार करनैल सिंह ने उन्हें 20 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है।

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First Published: Feb 08, 2025 5:21 PM

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