दिल्ली की सबसे लकी सीट! जो यहां जीता उसकी ही सरकार बनी, जानें इस बार कैसा रहा ट्रेंड
Delhi Election 2025 Results : दिल्ली चुनाव के नतीजों में अब तक का सबसे बड़ा उलटफेर नई दिल्ली सीट से देखने को मिला है। नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए हैं। आप मुखिया को भाजपा के परवेश सिंह साहिब ने हराया है। वहीं इस सीट को लेकर एक बड़ा ट्रेंड रहा है, जो इस बार भी सच साबित होने जा रहा है
Delhi Election 2025 Results : जिसने जीता दिल्ली की ये सीट उसने ही बनाई सरकार
Delhi Election 2025 Results : दिल्ली चुनाव के नतीजों में बड़ा उल्टफेर देखने को मिल रहा है। दिल्ली चुनाव के सामने आ रहे नतीजों में पिछले 12 साल से सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की विदाई लगभग तय हो गई है। अभी तक सामने आए नतीजों में भाजपा 47 सीटों पर आगे चल रही है तो वहीं आम आदमी पार्टी 23 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं इस चुनाव में सबसे बड़ी खबर नई दिल्ली सीट से सामने आई है, यहां से आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए हैं। वहीं भाजपा के परवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट से जीत हासिल कर ली है।
दिल्ली में सबसे बड़ा उलटफेर
बता दें कि नई दिल्ली सीट से भाजपा के परवेश सिंह साहिब को 3186 वोटों से जीत मिली है। वहीं पिछले 12 सालों से इस सीट को जीत रहे आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को अब हार का सामना करना पड़ा है। नई दिल्ली वो सीट है, जहां अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित को हराकर खूब चर्चा बटोरी थी और आम आदमी पार्टी की राजधानी में सरकार बनाई थी। वहीं अब अरविंद केजरीवाल को खुद इस सीट से हार का सामना करना पड़ा है।
जिसने जीता ये सीट उसकी ही बनी सरकार
बता दें कि नई दिल्ली सीट को लेकर एक कहावत काफी फेमस है कि इस सीट से जिस भी पार्टी का नेता चुनाव जीतता है कि राजधानी में उसकी ही सरकार बनती है। बता दें कि साल 1993 से इस सीट पर सात चुनाव हो चुके हैं और इन चुनावों में तीन-तीन बार कांग्रेस और आप को जीत मिली। वहीं, एक बार भाजपा ने यहां जीत हासिल की।
दिलचस्प है की जिस पार्टी का प्रत्याशी पहले और बाद में नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीता, उसकी दिल्ली में सरकार बनी। 1998, 2003 और 2008 में यहां से शीला दीक्षित और 2013, 2015 और 2020 में अरविंद केजरीवाल इस सीट पर लगातार तीन-तीन बार जीतकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। वहीं साल 1993 में इस सीट को जब गोल मार्केट के नाम से जाना जाता था तो यहां से भाजपा के कीर्ती आजाद ने जीत हासिल की थी और दिल्ली में उस समय भी भाजपा की ही सरकार बनी थी।