बिना कोई सीट जीते दिल्ली में खूब चला ओवैसी फैक्टर! AAP और कांग्रेस को इस बात से होगी चिंता
दिल्ली में AIMIM की भागीदारी का चुनावी नतीजों पर असर पड़ता दिखा है। पार्टी के उम्मीदवार जीत हासिल करने में तो कामयाब नहीं हुए पर निर्णायक रूप से प्रभावित करने में सफल रहे। AIMIM की तरफ से ओखला से शिफा-उर रहमान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन ने कांग्रेस कैंडिडेट्स से बेहतर परफॉर्म किया है। ओखला से कांग्रेस ने पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी अरीबा खान को टिकट दिया था, जबकि मुस्तफाबाद से कांग्रेस के अली मेहदी मैदान में थे
Delhi Election 2025 Results : फिछले 12 सालों से आम आदमी पार्टी के सबसे मजबूत किले में सेंध लग गई है। दिल्ली के वोटर्स ने आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता से बाहर कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. इस चुनाव में हैरान करने वाली बात तो ये है कि आम आदमी पार्टी के कई बड़े चेहरे तो हार का मुंह देखना पड़ा। नई दिल्ली सीट पर पूर्व सीएम और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को भी हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली में कांग्रेस का इस बार भी खाता नहीं खुला। इन सबके बीच असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) की भी चर्चा रही।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हैदराबाद फैक्टर ने भी राजधानी के मुकाबले में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। असदुद्दीन ओवैसी की अगुआई वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) कोई सीट नहीं जीत पाई, लेकिन पार्टी के दोनों उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे। औवेसी की पार्टी ने दिल्ली चुनाव में दो उम्मीदवार उतारे थे- ओखला से शिफा उर रहमान खान और मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन। असदुद्दीन ओवैसी के दोनों उम्मीदवार 2020 दिल्ली दंगों के आरोपी हैं, चुनाव कैंपेन करने के लिए दोनों को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। ओखला में असदुद्दीन ओवैसी ने अपने उम्मीदवारों के लिए रोड शो भी किया था।
मुस्तफाबाद और ओखला में असर डालने में कामयाब
आम आदमी पार्टी ओखला सीट बचाने में तो कामयाब रही, लेकिन मुस्तफाबाद सीट गंवा दी। ओखला में आप नेता और मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान 23,639 वोटों से जीते। भाजपा के मनीष चौधरी दूसरे स्थान पर रहे और तिहाड़ जेल में बंद शिफा उर रहमान खान को 39,558 वोट मिले। कांग्रेस की अरीबा खान को 12,739 वोट मिले। अल्पसंख्यक वोटों के बंटने के बावजूद, तीन बार के विधायक अमानतुल्लाह खान अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे। लेकिन उनकी जीत का अंतर 50,000 वोटों से कम हो गया। मुस्तफ़ाबाद सीट पर ज़्यादा रोमांचक मुक़ाबला देखने को मिला।
लगभग 40 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने 17,578 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। आप के अदील अहमद खान को 67,637 वोट मिले, एआईएमआईएम के ताहिर हुसैन को 33,474 वोट मिले और कांग्रेस के अली मेहदी को 11,763 वोट मिले। विपक्षी वोटों के बंटवारे ने यहां से भाजपा को आरामदायक जीत दिलाने में मदद की।
कांग्रेस को बड़ी सबक
बता दें कि दिल्ली चुनाव में AIMIM के दोनों कैंडिडेट 30 हजार से ज्यादा वोट बटोरने में सफल रहे। कांग्रेस के लिए ये सोचने वाली बात रही, क्योंकि AIMIM जिन दो सीटों पर लड़ी वहां तीसरे नंबर पर रही और कांग्रेस खिसक कर चौथे नंबर पर आ गई। ओखला से कांग्रेस को 12,739 वोट मिले, जो AIMIM को मिले वोट का आधा भी नहीं है।