Darshan-Pavithra Arrest: कर्नाटक के चर्चित रेणुकास्वामी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जमानत रद्द किए जाने के बाद कन्नड़ अभिनेता दर्शन को गुरुवार (14 अगस्त) को गिरफ्तार कर लिया गया। दर्शन की गिरफ्तारी से कुछ देर पहले ही मामले की मुख्य आरोपी और उनकी मित्र अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा को भी अरेस्ट कर लिया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दर्शन को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के होसाकेरेहल्ली स्थित उनकी पत्नी विजयलक्ष्मी के घर से गिरफ्तार किया गया।
सूत्रों ने बताया कि अभिनेता गिरफ्तारी से बचना चाहता थे। वह अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना चाहता थे। लेकिन पुलिस को उनके ठिकाने की जानकारी मिल गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।रेणुकास्वामी हत्याकांड की मुख्य आरोपी कन्नड अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा को भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी जमानत रद्द किए जाने के तुरंत बाद पुलिस हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्या के सभी आरोपियों की जमानत रद्द होने की खबर आने के बाद एक टीम गौड़ा के घर पहुंच गई और उन्हें हिरासत में ले लिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेता दर्शन और हत्या के मामले में अन्य आरोपियों को दी गई जमानत गुरुवार को रद्द कर दी। शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को दर्शन और अन्य आरोपियों को तुरंत हिरासत में लेने का निर्देश दिया और मुकदमे की सुनवाई जल्द से जल्द से करने का आदेश दिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पवित्रा के एक फैन 33 वर्षीय रेणुकास्वामी ने उन्हें अश्लील मैसेज भेजे थे, जिससे नाराज दर्शन ने कथित तौर पर उसकी हत्या कर दी। रेणुकास्वामी का शव 9 जून, 2024 को सुमनहल्ली में एक अपार्टमेंट के बगल में एक नाले के पास मिला था। पुलिस सूत्रों ने कहा कि मामले में आरोपी संख्या एक पवित्रा गौड़ा रेणुकास्वामी की हत्या का मुख्य कारण थी। उन्होंने दावा किया कि जांच से यह साबित हो गया है कि उसने अन्य आरोपियों को उकसाया, उनके साथ साजिश रची और अपराध में भाग लिया।
पुलिस ने आरोप लगाया कि रेणुकास्वामी को जून 2024 में 3 दिन तक बेंगलुरु के एक शेड में रखा गया। वहां उसे प्रताड़ित किया गया। बाद में उसका शव एक नाले से बरामद हुआ। शीर्ष अदालत ने 24 जनवरी को राज्य सरकार की याचिका पर दर्शन, गौड़ा और अन्य को इस मामले में नोटिस जारी किए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने रेणुकास्वामी हत्याकांड में अभिनेता दर्शन और अन्य आरोपियों को दी गई जमानत रद्द करते हुए गुरुवार को कहा कि भले ही कोई व्यक्ति कितना भी लोकप्रिय क्यों न हो, कानून के समक्ष सभी समान हैं। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इसमें कई खामियां हैं। शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को दर्शन एवं अन्य आरोपियों को तुरंत हिरासत में लेने तथा शीघ्रता से सुनवाई का आदेश दिया।
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को कारागार में आरोपियों को विशेष सुविधाएं देने के खिलाफ भी आगाह किया। अदालत ने कहा, "जिस दिन हमें यह पता चला कि आरोपियों को पांच सितारा सुविधाएं दी जा रही हैं तो पहला कदम सभी अधिकारियों को निलंबित करने का होगा।" यह फैसला दर्शन और सह-आरोपियों को जमानत देने के हाई कोर्ट के 13 दिसंबर, 2024 के आदेश के खिलाफ कर्नाटक सरकार द्वारा दायर याचिका पर सुनाया गया।