Cinema Ka Flashback: 1 अगस्त 2025 को 71वें नेशनल अवॉर्ड का ऐलान किया गया है। विनर लिस्ट में शाहरुख खान, रानी मुखर्जी से लेकर विक्रांत मैसी तक को इस सम्मान से नवाजा गया है। लेकिन हिंदी सिनेमा के कई वेटरन एक्टर रहे हैं, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को कामयाब बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है, लेकिन फिर भी उन्हें कभी राष्ट्रीय पुरस्कार नहीं मिला। इस लिस्ट में किशोर कुमार सहित कई नाम शामिल है। आपको जानकर हैरानी होगी कि किशोर कुमार नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले थे, लेकिन एक शर्त सारा खेल बिगड़ गया था।
एक इंटरव्यू में किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार ने इस किस्से का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि जब उनके पिता को नेशनल अवॉर्ड दिए जाने की बात हुई थी, सब बहुत खुश थे। लेकिन एक शर्त की वजह से उन्हें अवॉर्ड नहीं मिल पाया था। किशोर कुमार के बेटे ने खुलासा करते हुए कहा कि फिल्म 'दूर गगन की छांव में' के लिए पिता जी को नेशनल अवॉर्ड दिया जा रहा था। उन्होंने फिल्म में अपने बेटे अमित कुमार के अपोजिट लीड रोल अदा किया था। वो फिल्म में बेहद गंभीर किरदार में दिखाई दिए थे।
किशोर कुमार के रोल को दर्शकों ने काफी पसंद किया था। वहीं फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर जबरदस्त सफल साबित हुई थी। फिल्म के सुपरहिट होने पर सभी खुश थे। तभी सूचना मिली कि नेशनल अवॉर्ड के लिए फिल्म को नॉमिनेशन भी दिया जाने वाला है। लेकिन फिल्म को अवॉर्ड नहीं पाया। अमित ने बताया कि अवॉर्ड के लिए किशोर कुमार ने रिश्वत देने से सख्त मना कर दिया था। उन्होंने साफ मना कर दिया था कि वो रिश्वत देकर कोई अवॉर्ड नहीं खरीदेंगे।
उन्होंने बताया कि पिता के पास दिल्ली में मंत्रालय से किसी का फोन आया था। उस वक्त ‘दोस्ती’, ‘हकीकत’, ‘दूर गगन की छांव’ में को नेशनल अवॉर्ड जीतने की दौड़ में शामिल किया गया था। मंत्रालय से किसी ने मेरे पिता को फोन करके कहा कि अगर आप मेरे लिए कुछ करते हो तो हम आपको अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट करा देंगे। किशोर दा ने पूछा क्या चाहते हो... मेरे फिल्म तो हिट है। तभी उनसे रिश्वत की मांग की गई, जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया था। बता दें कि किशोर कुमार की ये फिल्म 23 हफ्तों तक मूवी हॉल्स में चली थी। वहीं दिल्ली-यूपी में तो 25 हफ्तों तक फिल्म को सिनेमाघरों से हटाया नहीं गया था।