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Dharmendra Best Films: धर्मेंद्र की ये हैं सबसे मशहूर फिल्में, जिसने बॉक्स ऑफिस पर गाड़े झंडे

Dharmendra Best Films: एक तरफ वह अपने शक्तिशाली मुक्कों से फिल्मी खलनायकों को धूल चटाते नजर आते थे। गंभीर किरदारों से दर्शकों को भावुक कर देते थे। हल्की सी मुस्कान से लोगों का दिल जीत लेते थे। तो दूसरी तरफ हास्य भूमिकाओं से दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोटपोट कर देते थे। धर्मेंद्र एक ऐसे अनोखे अभिनेता थे जिन्होंने करीब 65 साल के अपने फिल्मी करियर में बिना रुके लगातार कई तरह की भूमिकाएं अदा कीं

Akhilesh Nath Tripathi
अपडेटेड Nov 24, 2025 पर 17:27
Dharmendra Best Films: धर्मेंद्र की ये हैं सबसे मशहूर फिल्में, जिसने बॉक्स ऑफिस पर गाड़े झंडे

Dharmendra Best Films: शोले (1975): यह एक यादगार फिल्म थी। इसमें धर्मेंद्र ने अमिताभ बच्चन के साथ वीरू का करिश्माई रोल किया था। इस सुपरहिट फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 15 करोड़ की कमाई की थी। इसको आप प्राइम वीडियो पर देख सकते हैं।

Dharmendra Best Films: बंदिनी (1963): एक सीरियस रोल जिसमें एक ईमानदार और आदर्शवादी इंसान के तौर पर उनकी ड्रामा की गहराई दिखाई गई। वह फिल्म के लीड एक्टर नहीं थे। लेकिन उन्होंने एक दयालु और सज्जन डॉक्टर का रोल किया। एक ऐसा आदमी जो एक औरत (नूतन) से प्यार करने लगता है, जिस पर मर्डर का आरोप है। वह उससे शादी करना चाहता है।

Dharmendra Best Films: हकीकत (1964): चेतन आनंद की दिल को छू लेने वाली वॉर एपिक फिल्म में धर्मेंद्र ने मल्टी-स्टार कास्ट में कैप्टन बहादुर सिंह का रोल किया था। वह उन बहादुर सैनिकों में से एक थे जिन्होंने चीनी हमलावरों से एक छोटी पहाड़ी चौकी की रक्षा करते हुए अपनी जान दे दी थी। धर्मेंद्र यूनिफॉर्म में बहुत हैंडसम लग रहे थे।

Dharmendra Best Films: फूल और पत्थर (1965): ओपी रल्हन की यह फिल्म उनके करियर का टर्निंग पॉइंट थी। उन्होंने एक क्रिमिनल शाका का रोल किया, जो एक बेबस विधवा (मीना कुमारी) का रक्षक बन जाता है। इसके साथ उसके ससुराल वाले बुरा बर्ताव करते हैं। लेकिन शाका उससे प्यार करने लगता है। कहानी उस समय के हिसाब से बोल्ड थी। धर्मेंद्र के शर्टलेस सीन ने काफी तहलका मचाई थी।

Dharmendra Best Films: सत्यकाम (1968): ऋषिकेश मुखर्जी के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म नारायण सान्याल के एक बंगाली नॉवेल पर आधारित थी। इसने हिंदी सिनेमा को उसके सबसे अच्छे और सबसे मुश्किल किरदारों में से एक दिया। सत्यप्रिय आचार्य सच्चे और उसूलों वाले हैं। भले ही उनके आदर्शों की वजह से उन्हें सिर्फ़ दुख और अपनी पत्नी (शर्मिला टैगोर) के साथ तनाव भरा रिश्ता ही मिलता हो। इस फिल्म ने नेशनल अवॉर्ड जीता था।

Dharmendra Best Films: जीवन मृत्यु (1969): धर्मेंद्र सफल मेनस्ट्रीम फिल्में कर रहे थे। लेकिन उन्होंने सत्येन बोस के डायरेक्शन में बनी राजश्री प्रोडक्शन की यह फिल्म ली। फिल्म में उनका डबल रोल नहीं था। लेकिन मेल लीड के दो अलग-अलग लुक थे। उन्होंने करीब 65 साल के अपने फिल्मी करियर में बिना रुके लगातार कई तरह की भूमिकाएं अदा कीं।

Dharmendra Best Films: मेरा गांव मेरा देश (1971): राज खोसला की इस फिल्म में उन्होंने अजीत का रोल किया था, जो एक सुधरा हुआ क्रिमिनल है। वह एक ऐसे गांव में खेत पर काम करना शुरू करता है जहां डाकू जब्बार सिंह (विनोद खन्ना) का आतंक है। अजीत डाकू से लड़ने और कम्युनिटी को डाकू के आतंक से छुटकारा दिलाने का फैसला करता है। यह फिल्म सफल रही। इसके लिए धर्मेंद्र को फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया।

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