इटली के फैशन जगत के एक महानायक, जॉर्जियो अरमानी का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है, जिनका नाम ग्लोबल फैशन इंडस्ट्री में एक क्रांतिकारी डिजाइनर के रूप में सदैव याद रखा जाएगा। अरमानी ने अपने सहज, बिना संरचित कटिंग वाले डिजाइनों से फैशन की दुनिया में नए मानदंड स्थापित किए ।
जॉर्जियो अरमानी का जन्म 1934 में इटली के पियाचेन्जा शहर में हुआ था। शुरुआत में उन्होंने चिकित्सा की पढ़ाई की, लेकिन जल्द ही फैशन के प्रति जुनून ने उन्हें इस मार्ग पर चलते हुए 1957 में मिलान के एक डिपार्टमेंट स्टोर में विंडो ड्रेसर के रूप में अपने कदम रखवाए। इसके बाद उन्होंने निनो सिरेटी के लिए मेंसवियर डिजाइन करना शुरू किया। 1975 में, अपने साथी और जीवनसाथी सर्जियो गैलेओटी के साथ मिलकर उन्होंने "जॉर्जियो अरमानी एस.पी.ए." की स्थापना की, जो विश्व स्तर पर फैशन अम्पायर बन गया।
अरमानी ने पुरुष और महिलाओं के परिधान में क्रांति ला दी। उनकी डिजाइन में सख्त पैडिंग हटाकर कपड़ों को नरम, सहज और प्राकृतिक रूप देना प्रमुख था, जिससे उनकी रचनाएं आधुनिक सादगी और लालित्य की मिसाल बन गईं। 1980 के दशक में जब अमेरिकन फिल्म "अमेरिकन गिगोलो" में रिचर्ड गीयर ने अरमानी सूट पहने, तब से उनकी ब्रांड को हॉलीवुड में व्यापक पहचान मिली।
उनका फैशन केवल परिधानों तक सीमित नहीं था बल्कि अरमानी ने इत्र, एक्सेसरीज, होम डेकोर सहित विविध क्षेत्रों में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने ईटली के फैशन को विश्वव्यापी ग्लैमर का पर्याय बना दिया। उनके डिजाइन न केवल रेड कार्पेट पर सितारों की पहली पसंद बने बल्कि इटली के ओलंपिक टीम के यूनिफॉर्म्स में भी समाहित हुए।
अरमानी ने कभी भी अपने बिजनेस से जुड़े हर पहलू पर नियंत्रण छोडा नहीं, जो आजकल के उद्योग में दुर्लभ है। उनका निधन फैशन की दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनका सौंदर्य और स्टाइल का योगदान हमेशा प्रेरणा स्रोत रहेगा।
उनका प्रभाव फैशन की सीमाओं से परे फैला, जहां उन्होंने इटली की संस्कृति और शिष्टता की एक नई परिभाषा दी। उनके द्वारा स्थापित लक्जरी ट्रेंड आज भी फैशन प्रेमियों के दिलों में जिंदा है। जॉर्जियो अरमानी ने न केवल कपड़ों को एक कला का रूप दिया बल्कि फैशन की एक नई भाषा भी बनाई।