1. हिंदी सिनेमा में कई वुमन सेंट्रिक फिल्मों को बनाया गया है। इन फिल्मों के सहारे से लोगों तक देश की बहादुर महिलाओं की कहानी पहुंचाई गई है, जो कही न कहीं खो गई थी। वहीं कुछ ने अपनी बहादुरी के ऐसे झंडे गाढ़े की उनका नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया।
कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका की बात सबसे पहले करते हैं। ये रानी लक्ष्मी की कहानी बताती है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे रानी लक्ष्मी बाई ने अपनी बहादुरी और निडता से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे।
रानी लक्ष्मीबाई के बारे में तो हम सब जानते हैं, लेकिन उनके नियमति सेना में शामिल होने वाली झलकारी बाई के बारे में लोगों को कंगना रनौत की फिल्म 'मणिकर्णिका' से ही जानकारी मिली थी। ब्रिटिश सेना के विरुद्ध सन 1857 के युद्ध में झलकारी बाई ने अहम रोल निभाया था। वे लक्ष्मीबाई की हमशक्ल थीं।
सारा अली खान की अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई फिल्म 'ए वतन मेरे वतन' भी शानदार कहानी है। ये किरदार उषा मेहता का है, जो 'भारत छोड़ो आंदोलन' के तहत खुफिया कांग्रेस रेडियो चलाने की वजह से लोगों के बीच मशहूर थीं।
फिल्म राजी में आलिया भट्ट ने लीड रोल किया था। फिल्म में उन्होंने सहमत का किरदार निभाया था, जो भारत की जासूस बनकर पाकिस्तान जाती है। फिल्म सच्ची घटना पर आधारित थी।
जाह्नवी कपूर स्टारर गुंजन सक्सेना देश की देश की पहली फाइटर पायलेट की कहानी हैं। कारगिल के दौरान गुंजन का देश के लिए दिया गया अहम योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।