Diwali 2025: अभिनेता पंकज त्रिपाठी इस समय फिल्म उद्योग के सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाले अभिनेताओं में से एक हैं, लेकिन दिल से वे बिहार के गोपालगंज के बेलसंड के एक साधारण व्यक्ति हैं, जो त्योहारों को सादगी और खूबसूरती से मनाते हैं। दिवाली की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, पंकज ने बताया कि उन्होंने अपने घर पर यह त्योहार कैसे मनाया।
पंकज बताते हैं, "गांव में हम कपास की बत्ती से मिट्टी के दीये जलाते थे। वह जैविक और शांतिपूर्ण दिवाली होती थी।" पंकज बताते हैं कि शहर के उत्सवों के विपरीत, हमारे घर में पटाखों का चलन उतना नहीं था।
"हमारे यहां पटाखों का चलन नहीं था ज्यादा और कारण ये था कि तेज आवाज से गाए, पशु डर जाते थे। इस वाजे से दरवाजे पर हम पटाखे नहीं जला पाते थे। तो सिर्फ फुलझड़ी और मिटे के दिए," अभिनेता ने साझा किया जो अगली बार मिर्ज़ापुर द फिल्म में दिखाई देंगे। अभिनेता के लिए खाना सादा और घर का बना हुआ होता था, जिन्होंने अभिनय के प्रति अपने प्यार को आगे बढ़ाने के लिए गांव छोड़ दिया और अब मुंबई में बस गए हैं।
"हम अपने घर में दिए लगा के, दूर से जा के देखते थे। अपने घर को दिए की रोशनी में देखने का अलग सुख था। बिजली की झालरें वो सुख नहीं देती जो दिए देते थे। और उसको जलाए रखने की भी ड्यूटी है," वह कहते हैं। इस साल के लिए उन्होंने प्लानिंग अपनी पत्नी और बेटी पर छोड़ दी है और कहते हैं, "उनके प्लान में मैं बस शामिल हो जाता हूं।"
बता दें कि बीते दिनों पंकज त्रिपाठी ने वीडियो जारी कर गोरखपुर के लोगों से पोषण माह अभियान को सफल बनाने की खास अपील की थी। यह वीडियो संदेश आइसीडीएस विभाग के आधिकारिक फेसबुक पेज सहित विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों पर शेयर किया गया है, जो तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में अभिनेता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नारे 'स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार' को दोहराया। उन्होंने कहा कि मातृ एवं बाल पोषण देश के स्वस्थ भविष्य की एक मजबूत नींव है। उन्होंने गोरखपुर के नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से हिस्सा लें।
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