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Sunny Sanskari Ki Tulsi Kumari Movie Review: बद्रीनाथ की दुल्हनिया वाले जोन से बाहर नहीं आ पा रहे करण जौहण, वरुण-जान्हवी जची जोड़ी

Sunny Sanskari Ki Tulsi Kumari Movie Review: वरुण धवन, जान्हवी कपूर, रोहित सराफ और सान्या मल्होत्रा की फिल्म ‘सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी’ आज सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। तो चलिए जानते हैं कैसी है फिल्म...

अपडेटेड Oct 02, 2025 पर 10:34 AM
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बद्रीनाथ की दुल्हनिया वाले जोन से बाहर नहीं आ पा रहे करण जौहण

फिल्म- सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी

रेटिंग- 3/5

कलाकार- वरुण धवन , जान्हवी कपूर , रोहित सराफ , सान्या मल्होत्रा , मनीष पॉल और अक्षय ओबेरॉय

निर्देशक- शशांक खेतान

निर्माता- करण जौहर


Sunny Sanskari Ki Tulsi Kumari Movie Review: शशांक खेतान की फिल्म ‘सनी संसकारी की तुलसी कुमारी’ ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। एक बार फिर से करण जौहर ने अपने अंदाज में फिल्म को पेश किया है। शादी-ब्याह के बड़े सेट, गाने और शानदार कपड़े ... आपको पहली नजर में सब अच्छा लगेगा। लेकिन जब फिल्म शुरू होगी तो वही कॉपी पेस्ट वाली स्टोरी देखने को मिलने वाली है।

फिल्म की कहानी

कहानी सनी (वरुण धवन) की लाइफ के इर्द-गिर्द बुनी गई है। सनी अपनी प्रेमिका अनन्या यानी सान्या मल्होत्रा को पागलों की तरह से प्यार करता है। लेकिन वह उसका प्रोपोजल रिजेक्ट कर देती है। वहीं तुलसी (जान्हवी कपूर) भी अपने प्रेमी विक्रम (रोहित सराफ) न सुनती है तो टूट जाती है। अब अनन्या और विक्रम एक दूसरे से शादी करने वाले हैं।

जब सनी और तुलसी को पता चलता है तो दोनों अपने प्यार को वापस पाने के लिए एक प्लान बनाते है। नकली प्यार की प्लानिंग, ताकि प्री-वेडिंग में अपने पुराने प्रेमियों को जलन का एहसास करा सकें। मतलब... झूठा रोमांस, नकली इमोशन और बीच-बीच में थोड़ी सी कॉमेडी। लेकिन जैसे ही सनी और तुलसी की एक-दूसरे से प्यार कर बैठते हैं, उनका प्लान परेशानी बन जाता है।

स्टार्स का अभिनय

वरुण धवन ने अपनी एनर्जी और चार्म से सनी के रोल में जचे हैं, लेकिन कई जगह उनके किरदार में वही पुरापन, रीपीट टेलीकास्ट दिखते है। जान्हवी कपूर सुंदर लग रही हैं, लेकिन बार-बार वही एक्सप्रेशन देखकर लोग बोर रहे हैं। अनन्या के किरदार में सान्या मल्होत्रा अच्छी हैं, जबकि विक्रम के रोल में रोहित सराफ समझदार लगते हैं। इन दोनों की जोड़ी फिल्म को थोड़ा फ्रेश फील दे रही है। मनीष पॉल का कॉमिक अंदाज हिट तो है, लेकिन कई जगह रिपीट मोड फील कराता है। अक्षय ओबेरॉय समेत बाकी सहायक कलाकार ने शानदार काम किया हैं, लेकिन ज्यादातर सिर्फ बैकग्राउंड में ही रखे गए हैं।

शंशाक का निर्देशन

शशांक खेतान ने फिल्म के सेट और लुक पर कुछ ज्यादा ही जोर दे दिया है। शादी के सीन काफी अच्छे से फिल्माए गए हैं, लेकिन कहानी में नया ट्विस्ट देखने को नहीं मिलता है। कई जगह ये फिल्म उनकी पिछली फिल्मों 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' और 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' को याद दिला देती है। करण अपनी पुरानी फिल्मों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं।

फिल्म के गाने

फिल्म का संगीत तनिष्क बागची, ए.पी.एस, सचेत-परंपरा, गुरु रंधावा, रॉनी अजनाली और गिल मच्छरै ने मिलकर गाने दिए है। प्रमुख गाने ‘बिजुरिया’और ‘पनवाड़ी’ को लोगों ने पसंद किया हैं, लेकिन बाकी गाने कहानी में फिट होने के बावजूद लोगों के दिमाग में असर नहीं छोड़ पाए हैं। गाने यादगार नहीं है।

फिल्म का स्क्रीनप्ले

कहानी में जरा सी भी फ्रेशनैस नहीं देखने को मिलती है। नकली रोमांस, गलतफहमियां और इमोशनल मिलन सब कुछ कॉपीपेस्ट लगता हैं। इससे पहले भी दर्शक ऐसी कई फिल्में देख चुके हैं। कॉमेडी कभी-कभी मनोरंजन करते हैं, लेकिन अधिकांश सीन रिपीट लगते हैं। स्क्रीनप्ले भी कुछ खास नया नहीं है।

फिल्म को देखें या नहीं

अगर आप सिर्फ हल्का फुल्का रोमांस, शादी की रौनक और थोड़े बहुत हंसना चाहते हैं, तो एक बार के लिए आप फिल्म देख सकते है। लेकिन अगर आप नई कहानी, नई कैरेक्टर और रोमांचक मोड़ चाहते हैं, तो यह फिल्म आपको ज्यादा मनोरंजन नहीं कर सकती है।

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