Zubin Garg: जुबिन गर्ग को एक बार फिर फैंस ने किया याद, श्रीमन्त शंकरदेवा भवन में हुआ कार्यक्रम

Zubin Garg: मशहूर गायक, संगीतकार और असम की शान ज़ुबिन गर्ग को याद करते हुए 16 नवंबर 2025 को दिल्ली स्थित श्रीमन्त शंकरदेवा भवन में एक कार्यक्रम किया गया।

अपडेटेड Nov 17, 2025 पर 6:43 PM
Story continues below Advertisement
जुबिन गर्ग को एक बार फिर फैंस ने किया याद

Zubin Garg: मशहूर गायक, संगीतकार ज़ुबिन गर्ग की याद में 16 नवंबर 2025 को दिल्ली स्थित श्रीमन्त शंकरदेवा भवन में एक प्रोग्राम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम NRD ग्रुप और असम लाइव 24 की ओर से आयोजित था, जिसमें स्पेशल कमिश्नर रॉबिन हिबू चीफ गेस्ट बनकर पहुंचे थे।

NRD ग्रुप के सीएमडी नृपेन दास ने ज़ुबिन दा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनका जन्मदिन, 18 नवंबर, असम ही नहीं बल्कि दुनिया भर के फैंस के लिए एक खास तारीख है। कार्यक्रम के दौरान ज़ुबिन गर्ग के जीवन और योगदान पर आधारित एक खास ट्राएंगल लैंग्वेज बुक को भी लॉन्च किया गया। नृपेन दास ने कहा कि भले ही ज़ुबिन गर्ग असम के थे, लेकिन उन्हें दुनिया भर में प्यार मिला। इसी वजह से राजधानी दिल्ली में उनका जन्मदिन मनाने का फैलसा लिया गया। उन्होंने बताया कि इसी मौके पर गुवाहाटी में भी एक कार्यक्रम होगा। ज़ुबिन दा भले ही अब हमारे बीच न हों, पर उनकी उपस्थिति हमेशा महसूस होती है।

चीफ गेस्ट दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी रॉबिन हिबू ने कहा कि ज़ुबिन सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि एक शानदार इंसान भी थे । उन्होंने सुझाव दिया कि ज़ुबिन के नाम पर स्कॉलरशिप जैसी पहलें शुरू की जानी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां भी उनके योगदान को याद रख सकें। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि अरुणाचल प्रदेश में ज़ुबिन गर्ग की एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी, ताकि लोगों को पता चले कि एक ऐसा कलाकार भी था, जिसे पहाड़ों और उत्तर-पूर्व से अपार प्रेम था।


जुबिन दा के साथ 4000 से अधिक गाने गा चुकी असम की बोर्नाली कलिता ने बताया कि उनका जितना बड़ा नाम था, उनकी लाइफ उतनी ही सिंपल थी। वे सिर्फ़ सिंगर नहीं बल्कि एक सच्चे इंसान थे। उनकी सबके साथ घुलने मिलने की कला लाजवाब थी। अपनी टीम के साथ उनका लगाव एक दम घर जैसा था। आज ऐसा लग रहा है कि वो हम लोगों के साथ अभी भी है। वही दिगंत भारती, जिन्होंने ज़ुबिन गर्ग के कई गाने लिखे, ने ज़ुबिन को याद कर कहा कि हमारे कंधे में अब एक बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। जुबिन दा की लेगेसी को हमें आगे बढ़ाना है। जुबिन का नाम इतिहास में अमर हो गया है।

ज़ुबिन गर्ग ने उत्तर-पूर्व के लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई थी। वे सिर्फ गायक या संगीतकार नहीं, बल्कि हर घर के अपने सदस्य जैसे थे। एक वक्ता ने कहा- “जब कोई दिल जीत लेता है, तो शब्दों की ज़रूरत नहीं रह जाती।” दिल्ली का यह सामूहिक जुटान केवल एक जन्मदिन समारोह नहीं था, बल्कि ज़ुबिन गर्ग की स्मृतियों को साझा करने का एक भावनात्मक मंच भी था। असम की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम का लक्ष्य था ज़ुबिन की कलात्मक यात्रा के दूरगामी प्रभाव को सामने लाना।

कार्यक्रम की विशेषता थी ज़ुबिन गर्ग के जीवन, संघर्ष, उपलब्धियों के सफर पर आधारित किताब का लॉन्च होना। इसे तीन भाषाओं में इसलिए तैयार किया गया है ताकि देशभर के लोग उनकी कला से जुड़ सकें। आयोजकों का मानना है कि यह बुक आने वाली पीढ़ियों के लिए एक धरोहर के समान होगी।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।