आजकल अधिकतर लोग लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करते हैं, झुककर काम करते हैं या भारी सामान उठाते हैं। इसके चलते कमर दर्द जैसी समस्याएं आम हो गई हैं, जो न केवल दिनभर असहज महसूस कराती हैं बल्कि काम करने की क्षमता को भी प्रभावित करती हैं। लगातार गलत पोजिशन में बैठना या खड़ा होना रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों पर दबाव डालता है, जिससे दर्द और अकड़न बढ़ जाती है। इस स्थिति में योगासन एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय साबित होते हैं। योग के नियमित अभ्यास से मांसपेशियां मजबूत और लचीली बनती हैं, रीढ़ की हड्डी की ताकत बढ़ती है और दर्द में राहत मिलती है।
इसके अलावा, योग रक्त संचार को सुधारता है, तनाव कम करता है और पूरे शरीर को ऊर्जा और संतुलन प्रदान करता है। यही कारण है कि कमर दर्द से राहत के लिए योग को अपनाना बेहद लाभकारी है।
सीधे खड़े होकर हाथों को ऊपर उठाएं। ताड़ासन करने से कमर की मांसपेशियों को राहत मिलती है और दर्द में आराम मिलता है।
शलभासन या टिड्डी आसन में पेट के बल लेटकर दोनों पैरों और छाती को ऊपर उठाया जाता है। इससे पीठ की मांसपेशियां मजबूत और लचीली बनती हैं। नियमित अभ्यास से कमर दर्द में काफी आराम मिलता है।
भुजंगासन करने के लिए पेट के बल लेटें और हाथों को कंधों के पास रखें। धीरे-धीरे शरीर को ऊपर उठाएं। ये आसन न केवल कमर दर्द में राहत देता है बल्कि पाचन क्रिया सुधारता है और वजन नियंत्रित करने में भी सहायक है।
वज्रासन में बैठकर दोनों हाथों को पीछे की ओर जमीन पर टिकाते हुए आगे झुकें और सिर को जमीन पर रखें। ये आसन कंधों, पीठ, कमर और कूल्हों को आराम देता है और मानसिक तनाव को भी कम करता है।
वज्रासन में बैठकर हाथों पर हल्का भार डालते हुए हिप्स को ऊपर उठाएं और घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाएं। ये आसन रीढ़ की हड्डी, गर्दन और पीठ को लचीला बनाता है और दर्द को कम करता है।
इस आसन को करने के लिए जमीन पर दंडासन में बैठें, बाएं पैर को मोड़ें और दाएं घुटने को ऊपर से लाकर बाएं पैर के पास रखें। ये आसन कमर, कंधों और गर्दन की अकड़न को कम करता है और मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।