वजन कम करने की कोशिश में हम अक्सर सबसे पहले अपनी थाली से घी और तेल जैसी चीजों को हटाना शुरू कर देते हैं। हमें लगता है कि ये फैट बढ़ाने वाले तत्व हैं और डाइट में इनकी मौजूदगी वजन घटाने में रुकावट बन सकती है। यही वजह है कि मोटापा कम करने की चाहत रखने वाले कई लोग घी को पूरी तरह छोड़ देते हैं। लेकिन क्या वाकई घी वजन बढ़ाने का कारण है? न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि घी को गलत तरीके से बदनाम किया गया है। उनका कहना है कि सही मात्रा में लिया गया घी न सिर्फ सेहत के लिए जरूरी है, बल्कि ये शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में भी मदद करता है।
दिलचस्प बात ये है कि घी वजन कंट्रोल करने की प्रक्रिया में सहयोगी की तरह काम कर सकता है—यानि जिसे हम दुश्मन समझकर थाली से निकाल देते हैं, वही हमारा साथ दे सकता है। यही वजह है कि आज घी को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और एक्सपर्ट्स इसकी अहमियत पर जोर दे रहे हैं।
दादी-नानी के खाने में क्यों होता था घी?
पुराने समय में हमारे घरों में दाल, रोटी या फिर खास व्यंजनों में घी का इस्तेमाल आम बात थी। दाल ढोकली, दाल-बाटी चूरमा जैसे पारंपरिक भोजन तो घी के बिना अधूरे माने जाते थे। आज लोग वजन कम करने की चाह में फैट और ऑयली चीजों को हटाकर घी को भी पूरी तरह डाइट से निकाल देते हैं, जबकि ये सेहत का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
घी कैसे बढ़ाता है फैट-बर्निंग?
न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं कि घी में मौजूद मीडियम-चेन फैटी एसिड (MCFA) शरीर को तुरंत ऊर्जा देने के साथ फैट बर्निंग प्रोसेस को तेज करता है।
इसके अलावा इसमें मौजूद कॉनज्यूगेटिड लाइनोलिक एसिड (CLA) बॉडी फैट को कम करने, वेट लॉस को सपोर्ट करने और लीन मसल मास बढ़ाने में मदद करता है। घी विटामिन A, D, E और K से भी भरपूर होता है, जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं।
कब्ज और एसिडिटी में भी कारगर
डाइटिशियन श्वेता शाह के अनुसार घी पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। सुबह खाली पेट एक चम्मच घी लेना आंतों को लुब्रिकेट करता है, जिससे पेट साफ रहने में मदद मिलती है। साथ ही ये पूरे दिन ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में भी सहायता करता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।